United Nation ने गाजा के अस्पतालों में ईंधन की कमी बताया, खतरे में पड़ सकती है हजारों मरीजों की जान
इजरायल और हमास के युद्ध का सोमवार को दसवां दिन है। हमास जहां अपनी जिद्द पर अड़ा है वहीं इजरायल अब इस युद्ध को उस स्तर तक ले जाने की योजना बना चुका है, जहां से हमास का हमेशा के लिए खात्मा हो सके।
![]() Hospital In Gaja |
इस युद्ध को लेकर विश्व स्तर पर भी गुटबाजी देखने को मिल रही है। लेबनान का आतंकी संगठन हिज्ज्बुल्लाह इजरायल पर हमले कर रहा जबकि अमेरिका समेत विश्व के तमाम देश इजरायल के साथ ना सिर्फ खड़े हैं। बल्कि उसकी सैन्य ताकतों से मदद भी कर रहे हैं। इजरायल ने गाजा पट्टी पर जोरदार हमला जारी रखा है। गाजा के कई सरकारी गैर सरकारी प्रतिष्ठान खंडहर बन गए हैं। इसी बीच खबर है कि गाजा के अस्पतालों में सिर्फ एक दिन का ईंधन बचा रह गया है। अगर यही हालात रहे तो यहां के अस्पतालों में भर्ती हजारों की संख्या में मरीजों की जान जाने का खतरा है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अगले 24 घंटे के भीतर गाजा के अस्पतालों में जनरेटर ईंधन खत्म होने की आशंका है, जिससे हजारों मरीजों की जान खतरे में पड़ जाएगी। हमास के हमले के बाद इजरायल की तरफ से 40 किमी लंबे क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।इस वजह से गाजा का एकमात्र पावर प्लांट ईंधन की कमी के कारण बंद हो गया। इजरायलकी सेना की कार्रवाई से पहले गाजा में चिकित्सकों ने रविवार को आगाह किया कि अगर घायलों से भरे अस्पतालों में ईंधन, दवा और बुनियादी आपूर्ति खत्म हो गई, तो हजारों मरीजों की मौत हो सकती है। नागरिकों को भोजन, पानी और सुरक्षित स्थान की तलाश में संघर्ष करना पड़ रहा है।
पिछले हफ्ते हमास के हमले के बाद इजरायल ने पूरे गाजा क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और उत्तरी इलाकों को खाली कर फिलिस्तीनियों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया है। इस क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों की तैनाती बढ़ने के साथ इजरायली सेना गाजा की सीमा पर लामबंद हो चुकी है।इजरायल ने कहा है कि वह चरमपंथी समूह हमास को खत्म करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाएगा। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की जानकारी के अनुसार इस जंग में अब तक 2,329 फलस्तीनी मारे गए हैं, जो 2014 के गाजा युद्ध से अधिक हैं। वैसे इस युद्ध की वजह से दुनिया तीसरे वर्ल्ड वार की तरफ बढ़ती हुई दिख रही है।
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