Toshakhana Case: इमरान खान तोशाखाना मामले में दोषी करार, पाकिस्तानी कोर्ट ने सुनाई 3 साल की सजा

Last Updated 05 Aug 2023 01:41:18 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की कोर्ट ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई है।


पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले में अपना फैसला सुनाया। अदालत ने इमरान खान को कम से कम तीन साल की कैद की सजा सुनाई और 1,00,000 रुपये (पीकेआर) का जुर्माना भी लगाया।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई कर रहा है। अदालत ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) और इमरान खान के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले की घोषणा की।

अदालत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को तोशाखाना से उपहार प्राप्त करने में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया था। उन्होंने विभिन्न देशों और प्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें मिले उपहारों की प्रक्रियाओं, मूल्यांकन और निपटान के लिए अपने सार्वजनिक पद का दुरुपयोग किया।

इमरान खान पर न केवल अरबों रुपये के उपहार, आभूषण और अन्य सामान हासिल करने के लिए भ्रष्ट आचरण अपनाने का आरोप लगाया गया था, बल्कि अपने कार्यालय का उपयोग प्रक्रियाओं को तैयार करने, कम मूल्यांकन करवाने और बाद में अघोषित खातों के माध्यम से उनके कम मूल्य का 20 प्रतिशत भुगतान करने के लिए भी किया गया था।

इस्लामाबाद ट्रायल कोर्ट ने पीटीआई प्रमुख को भ्रष्ट आचरण और तोशाखाना उपहारों का विवरण छिपाने का दोषी घोषित किया। ट्रायल कोर्ट के फैसले में कहा गया कि "इमरान खान ने जान-बूझकर पाकिस्तान चुनाव आयोग को फर्जी विवरण प्रस्तुत किया और उन्हें भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया।"

आईएचसी के आदेश के तुरंत बाद इमरान खान को लाहौर में उनके ज़मां पार्क आवास से हिरासत में ले लिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री को 10 मई को ईसीपी ने एक आपराधिक शिकायत फाइल पर मामले में दोषी ठहराया था, जिसे इमरान खान ने चुनौती दी थी।

 

हालांकि, इमरान खान और उनके वकील तोशाखाना मामले की कार्यवाही और जांच को नजरअंदाज करने और उससे दूर रहने की पूरी कोशिश कर रहे थे। कई लोगों का मानना है कि ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्हें पता था कि वह बचाव करने में विफल रहेंगे।

वकीलों ने इमरान खान के खिलाफ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर के पक्षपाती होने की बात कही थी और मामले की सुनवाई किसी अन्य न्यायाधीश की अदालत में करने का अनुरोध किया था। यह याचिका खारिज हो गई थी।

इमरान खान ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई थी और शीर्ष अदालत से ट्रायल कोर्ट में तोशाखाना मामले की कार्यवाही को रोकने के लिए फैसला जारी करने की मांग की थी। लेकिन, शीर्ष अदालत ने भी उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था।

सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता और प्रधानमंत्री के विशेष सहायक अट्टा तरार ने कहा कि इमरान खान आखिरकार न केवल झूठ बोलने के लिए बल्कि तोशाखाना मामले में चोरी करने के लिए भी रंगे हाथों पकड़े गए हैं।

उन्होंने कहा कि आज एक चोर का सच सबके सामने आ गया है। जिन्होंने न केवल तोशाखाना से अवैध रूप से कीमती उपहार लिए, जान-बूझकर उन्हें ईसीपी में घोषित करने से परहेज किया, उन वस्तुओं का अवैध और धोखाधड़ीपूर्ण मूल्यांकन किया और फिर उन्हें खुले बाजार में बेचने के लिए भी आगे बढ़े। आज इमरान खान एक घोषित और स्थापित भ्रष्ट व्यक्ति हैं।

पीटीआई की कानूनी टीम का कहना है कि वे फैसले को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे, उनका दावा है कि मामले में सत्र न्यायाधीश के जल्दबाजी के फैसले से न्यायाधीश के इरादे पर गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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