ताइवान मुद्दे पर अमेरिका ने खाई मुंह की, यूरोप भी साथ देने के लिए तैयार नहीं
यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के युद्ध की ओर भी इशारा करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) ने कहा कि उन्होंने कहा, हमें हर बात में अमेरिका को फोलो करना छोड़ना चाहिए और अपने फैसले खुद करने चाहिए।
![]() फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों |
उन्होंने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका दोनों से ही दूरी बनाना उचित है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों हाल ही में चीन के दौरे पर गए थे, दौरे से लौटने के बाद उन्होंने कहा है कि ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका दोनों से दूर रहने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें अमेरिका की नीतियों को फोलो करना अब छोड़ना होगा और अपने फैसले खुद लेने चाहिए। आपको खुद ही सोचना होगा कि क्या ताइवान मामले को तूल देना किसी के हित में है?
यूरोप हमेशा आंख मूंदकर अमेरिका का साथ देता रहा है, दुनिया के बहुत से ऐसे टकराव रहे जहां यूरोप ने बिना सोचे समझे अमेरिका का साथ दिया। भले ही चाहे ईरान और इराक का मुद्दा रहा हो या फिर यूक्रेन और रूस का।
लेकिन अब यूरोप को समझ जाना चाहिए कि वह उन खतरों में फंस जाता है जो कि वास्तव में उसके हैं ही नहीं। इस बार ऐसे ही एक मुद्दे (चीन और ताइवान) पर यूरोप अमेरिका को झटका देता नजर आ रहा है।
चीन और ताइवान के मुद्दे पर फ्रांस ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह से अमेरिका की हर बात मानना यूरोप को केवल नुकसान पहुंचा रहा है। उनका मानना है कि यूरोप को ताइवान के मुद्दे से दूरी बना लेनी चाहिए।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने अमेरिका को यहां तक सुना डाला कि जिसका अपना घर नहीं संभल रहा है वे दूसरों के मामले में दखल दे रहे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति की यह बात अमेरिका के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
फ्रांस के राष्ट्रपति हाल ही में चीन की यात्रा पर गए थे, वहां उन्हें चीन और फ्रांस के बीच सहयोग की बड़ी संभावनाएं दिखाई दी। वहीं उन्होंने यूरोपीय देशों से अमेरिका के बारे में खास अपील की कि उनको अपनी निर्भरता अमेरिका पर कम करनी चाहिए। ऊर्जा, हथियारों और अन्य मामलों में अमेरिका पर निर्भरता कम करनी चाहिए। इसके अलावा ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच जो टकराव चल रहा है उससे खुद को दूर रहना चाहिए।
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