रूस ने उठाया बड़ा कदम, अमेरिका के साथ तोड़ी अंतिम रणनीतिक हथियार संधि

Last Updated 22 Feb 2023 06:24:44 AM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की कि उनका देश न्यू स्टार्ट में अपनी भागीदारी को निलंबित कर रहा है।


रूस ने अमेरिका के साथ तोड़ी अंतिम रणनीतिक हथियार संधि

उन्होंने अमेरिका के साथ बची एकमात्र परमाणु संधि को निलंबित दिया है। आरटी ने बताया, उन्होंने रूसी संसद को अपने 'स्टेट ऑफ द नेशन' संबोधन में कहा- मैं आज घोषणा करने के लिए मजबूर हूं कि रूस रणनीतिक आक्रामक हथियारों की संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित कर रहा है।

राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मास्को न्यू स्टार्ट संधि से बाहर नहीं निकलेगा, जो प्रत्येक पक्ष को 1,550 लंबी दूरी के परमाणु हथियार तक सीमित करता है, लेकिन अस्थायी रूप से इससे पीछे हट जाएगा। 2010 में हस्ताक्षरित इस संधि को 2021 में पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था।

उन्होंने कहा कि समझौता शुरू में पूरी तरह से अलग परिस्थितियों में तैयार किया गया था, तब रूस और अमेरिका एक दूसरे को विरोधी के रूप में नहीं देखते थे। अब, न केवल अमेरिका रूस को अल्टीमेटम जारी कर रहा है, बल्कि खुद नाटो ने भी अनिवार्य रूप से संधि का हिस्सा बनने के लिए आवेदन किया है।

ब्लॉक के सदस्य अब रूस की रणनीतिक सुविधाओं के निरीक्षण की मांग कर रहे हैं, पुतिन ने कहा, जबकि संधि के तहत पश्चिमी परमाणु सुविधाओं का निरीक्षण करने के मास्को के अनुरोध को अस्वीकृति के लिए केवल औपचारिक स्पष्टीकरण के साथ व्यवस्थित रूप से अस्वीकार कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने आधिपत्य बनाए रखने पर जोर देना जारी रखा है, जबकि उसके नाटो सहयोगी खुले तौर पर स्वीकार करते हैं कि वह रूस पर रणनीतिक हार चाहते हैं। उन्होंने कहा, रूस इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता। हम खुद को इसकी अनदेखी नहीं करने दे सकते।

कब लागू हुई थी न्यू स्टार्ट संधि

न्यू स्टार्ट संधि 5 फरवरी 2011 को लागू हुई थी। इसकी अवधि दस साल यानी वर्ष 2021 तक थी, जिसे पाच साल और बढ़ाकर वर्ष 2026 तक कर दिया गया था। तब दोनों देशों को संधि के तहत अपने परमाणु हथियारों को सीमित संख्या तक लाने के लिए सात साल का मौका दिया गया था। इसमें कहा गया था कि जब तक संधि लागू रहती है, दोनों देश अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को सीमित रखेंगे। अमेरिका और रूस दोनों ही 5 फरवरी, 2018 तक नई स्टार्ट संधि की सीमाओं को पूरा कर लिया था। तब से दोनों देश उससे नीचे बने हुए हैं।

नई स्टार्ट संधि की शर्तें

1- न्यू स्टार्ट संधि के तहत दोनों देश 700 स्ट्रैटजिक हथियारों के लॉन्चर्स को तैनात करने पर राजी हुए थे। इसमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBMs), सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBMs), और परमाणु हथियारों से लैस भारी बमवर्षक विमान शामिल थे।

2- तैनात किए गए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु बमवर्षकों पर 1,550 परमाणु वॉरहेड तैनात करने पर सहमति बनी थी। एक मिसाइल अपने साथ कई परमाणु वॉरहेड ले जा सकती है। ऐसे में मिसाइलों की संख्या कम और परमाणु वॉरहेड की संख्या अधिक हो सकती है।

न्यू स्टार्ट संधि टूटने से खतरा

न्यू स्टार्ट संधि से रूस के हटने से अमेरिका के साथ परमाणु हथियारों की होड़ फिर शुरू हो सकती है। पुतिन ने खुद ऐलान किया है कि रूस अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का विकास शुरू करेगा। रूस के पास पहले से ही दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं। ताकत के मामले में भी रूसी परमाणु हथियार दुनिया में सबसे अधिक शक्तिशाली हैं। ऐसे में रूस नए हथियार बनाने के लिए परमाणु परीक्षण भी कर सकता है। रूस का मुकाबला करने के लिए अमेरिका भी परमाणु हथियारों के पीछे दौड़ सकता है। इससे दुनिया में परमाणु हथियारों की रेस फिर से शुरू हो सकती है।

 

आईएएनएस
मॉस्को


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