2015 का परमाणु समझौता बहाल होने से सभी पक्षों को फायदा होगा : ईरान

Last Updated 29 Aug 2022 10:23:58 AM IST

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि ईरान वियना में 2015 में हुए परमाणु समझौते को बहाल किए जाने को लेकर गंभीर है, क्योंकि यह सभी पक्षों के हित में है।


2015 का परमाणु समझौता बहाल होने से सभी पक्षों को फायदा होगा : ईरान

आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए ने नासिर कनानी के हवाले से कहा कि परमाणु वार्ता के पक्ष 2015 के परमाणु समझौते की बहाली से संबंधित अधिकतर मुद्दों को हल करने में कामयाब रहे हैं, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने आईआरएनए का हवाला देते हुए कहा कि बातचीत में अब तक जो हुआ, वह सकारात्मक और आगे की प्रवृत्ति को दर्शाता है और बातचीत में कुछ संवेदनशील व महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाना बाकी है।

कनानी ने कहा कि किसी भी संभावित परमाणु समझौते का कार्यान्वयन पारस्परिक होना चाहिए और सभी सदस्यों को अपने दायित्वों के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि अमेरिकी पक्ष को समझदारी से काम लेना चाहिए, परमाणु समझौते के ढांचे के भीतर कार्रवाई करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए और ईरान की अपेक्षाओं को ध्यान में रखना चाहिए।



कनानी ने कहा कि यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित संभावित परमाणु समझौते के अंतिम मसौदे पर ईरान के विचारों पर अमेरिका की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन तेहरान में विशेषज्ञ बैठकों में किया जा रहा है, ईरान किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद ही अपना जवाब देगा।

ईरान ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है।

जेसीपीओए के तहत जुलाई 2015 में हुए इस समझौते में अमेरिका समेत कई शक्तिशाली देश शामिल थे। इस समझौते के तहत ईरान के परमाणु विकास कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाकर बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में कुछ छूट दी जानी थी।

मई 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को निकाल लिया और ईरान पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिए।

समझौते को बहाल करने के लिए अप्रैल 2021 से ईरान और जेसीपीओए पार्टियों के बीच वियना में कई दौर की बैठक हो चुकी है।

आईएएनएस
तेहरान


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