रेडक्रॉस ने यूक्रेन के युद्धबंदियों का पंजीकरण किया
रूसी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि मारियुपोल में छुपे यूक्रेन के और लड़ाकों ने आत्मसमर्पण किया है, जिसके बाद इस्पात संयंत्र को छोड़ने वाले लड़ाकों की संख्या बढ़कर 1730 पहुंच गई है।
![]() मारियुपोल : रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान नष्ट हुई एक स्टील फैक्टरी का दृश्य। |
वहीं, रेड क्रॉस ने उनमें से सैकड़ों को युद्धबंदी के तौर पर पंजीकृत किया है।
इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस ने कहा कि यूक्रेन के युद्धबंदियों का पंजीकरण मंगलवार को शुरू हुआ, जिसमें जख्मी लड़ाके भी शामिल हैं। यह रूस और यूक्रेन के बीच एक समझौते के तहत हुआ है। यूक्रेन के लड़ाके मारियुपोल शहर में अजोवस्तल इस्पात संयंत्र से बाहर आ रहे हैं, क्योंकि उनकी सेना ने उन्हें अपने गढ़ को छोड़ने का हुक्म दिया है। हालांकि उनके साथ क्या किया जाएगा, इसको लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।
इनमें से कुछ को रूसी सैनिक मॉस्को समर्थित अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाकों में ले गए हैं। यूक्रेन ने कैदियों की अदला बदली होने पर अपने सैनिकों को वापस पाने की उम्मीद जताई है। वहीं, रूस ने उनमें से कुछ पर युद्ध अपराध के तहत मुकदमा चलाने की धमकी दी है।
रेड क्रॉस ने जिनेवा संधि के नियमों का हावला देते हुए कहा कि संगठन को युद्धबंदियों से ‘बिना गवाहों’ के बात करने की इजाजत देनी चाहिए और उनसे मिलने पर रोक नहीं होनी चाहिए। संगठन ने यह नहीं बताया कि कितने युद्धबंदी शामिल हैं। यह भी साफ नहीं है कि संयंत्र में अब कितने लड़ाके रह गए हैं। रूस ने पहले अनुमान जताया था कि वह संयंत्र में करीब 2000 सैनिकों से लड़ रहा है।
क्षेत्र में रूस समर्थित अलगाववादियों के अधिकारी डेनिस पुशीलीन ने कहा कि यूक्रेन के जिन सैनिकों को इलाज की जरूरत थी, उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि अन्य को हिरासत केंद्र में रखा गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि रेड क्रॉस के प्रतिनिधियों को हिरासत केंद्रों का निरीक्षण करने की इजाजत थी लेकिन इस दावे को तत्काल सत्यापित नहीं किया जा सका। एमनेस्टी इंटरनेशल ने पहले कहा था कि रेड क्रॉस को मारियुपोल के आत्मसमर्पण करने वाले लड़ाकों से संपर्क करने दिया जाए।
क्षेत्र में एमनेस्टी के उप निदेशक डेनिस क्रीवोशीव ने रूसी सेना द्वारा यूक्रेन में गैर कानूनी रूप से कथित तौर पर फांसी की सज़ा दिए जाने का हावला देते हुए कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले इन सैनिकों के साथ ऐसा सुलूक नहीं किया जाना चाहिए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर कहा कि इस स्तर पर हमें संघषर्विराम की पेशकश नहीं करें और रूस के सेना वापस बुलाए बिना यह नामुमकिन है। वह रूस के साथ कई दौर की वार्ता में शामिल रहे हैं।
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