भारत की आत्मनिर्भरता की खोज का अर्थ ‘अलगाव’ नहीं : कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां कहा कि भारत एक ‘बदलाव के मार्ग’ पर चल रहा है और ‘आत्मनिर्भरता’ की उसकी तलाश का अर्थ ‘अलगाव’ नहीं, बल्कि ऐसी क्षमताओं का निर्माण करना है जो पूरी मानवता की मदद कर सकें।
![]() भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद |
उन्होंने कैरेबियाई देश में भारतीय मूल के लोगों से आग्रह किया कि वे सरकार की नीतियों का लाभ उठाएं और देश की विकास गाथा का हिस्सा बनें। इस द्वीपीय देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति कोविंद ने जमैका में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि नया भारत सभी को अपनी प्रगति और समृद्धि का हिस्सा बनने के अपार अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘हम इस नए भारत के लिए आपका समर्थन चाहते हैं जो प्रगति और समृद्धि के साथ लाखों घरों को रोशन करने का वादा करता है। एक ऐसा भारत जो हर किसी की परवाह करता है।’
कोविंद ने कहा, ‘भारत बदलाव के पथ पर है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल भारत सरकार द्वारा उठाया गया बड़ा कदम है।’ उन्होंने कहा, आत्मनिर्भरता के लिए भारत की खोज का मतलब अलगाव नहीं है। वह उन क्षमताओं का निर्माण करना चाहता है जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सच्ची भावना में पूरी मानवता की मदद कर सकें।
उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति की कुछ देशों में हो रही आलोचनाओं को रेखांकित करते हुए उपरोक्त बात कही। राष्ट्रपति ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी की अड़चनों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है। अपनी तीव्र गति वाली वृद्धि के लिए हम नई अवसंरचनाएं बना रहे हैं।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम डिजिटल अर्थव्यवस्था, नई प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्रवाई और ज्ञानपूर्ण समाज के विकास के क्षेत्रों में नेतृत्व करने का प्रयास कर रहे हैं।’ कोविंद ने कहा कि भारत और जमैका साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, इतिहास के सामान्य संबंधों, राष्ट्रमंडल में सदस्यता, अंग्रेजी भाषा के उपयोग और क्रिकेट के प्यार के आधार पर सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों का आनंद लेते हैं।
भौगोलिक दूरी सहित बाधाओं के बावजूद दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संपर्क लगातार बढ़ रहा है।
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