अमेरिका की भारत को सलाह, रूस से ऊर्जा का आयात बढ़ाना भारत के हित में नहीं

Last Updated 05 Apr 2022 12:00:03 PM IST

व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत रूस से ऊर्जा का जो आयात कर रहा है, वह उसके कुल ऊर्जा आयात का केवल एक से दो प्रतिशत है। इसके साथ ही उसने स्पष्ट किया कि ऊर्जा के लिए नई दिल्ली से किए जा रहे भुगतान पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं।


व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी (फाइल फोटो)

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस से ऊर्जा का आयात बढ़ाना भारत के हित में नहीं है और बाइडन प्रशासन इसके लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। साकी ने कहा, “अभी भारत द्वारा रूस से आयातित ऊर्जा उसके कुल ऊर्जा आयात का महज एक से दो प्रतिशत है।”

साकी अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ सलाहकार दलीप सिंह की पिछले सप्ताह हुई भारत यात्रा के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा, “सिंह ने हमारे द्वारा लगाए गए दोनों प्रतिबंधों के बारे में विस्तार से समझाया और कहा कि किसी भी देश को उनका पालन करना चाहिए। हमने यह भी साफ किया कि उनकी निर्भरता, भले ही वह बेहद कम प्रतिशत में क्यों न हो, उसे कम करने में हमें खुशी होगी।”

साकी ने कहा, “हमारे उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह वहां थे। मैं कहना चाहती हूं कि ऊर्जा से जुड़े कुछ भुगतान पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। यह निर्णय हर देश को करना होता है।”

उन्होंने कहा, “हम इस बारे में एकदम स्पष्ट हैं कि हर देश को अपने विकल्प खुद चुनने होते हैं, जैसा कि हमने और अन्य देशों ने ऊर्जा के आयात पर पाबंदी लगाने के लिए किया है। दलीप सिंह ने भारत दौरे के दौरान अपने समकक्षों से कहा कि हम यह नहीं मानते कि रूस से ऊर्जा या अन्य उत्पादों का आयात बढ़ाना भारत के हित में है।”
 

भाषा
वाशिंगटन


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