विंटर ओलंपिक के लिए PLA सैनिक को मशाल धारक चुनने को अमेरिकी सांसदों ने बताया ‘शर्मनाक’
अमेरिका ने कहा है कि वह चीन की आक्रामकता के खिलाफ भारत के प्रति एकजुट है।
![]() यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता स्पॉक्स नेड प्राइस (file photo) |
दरअसल देश के अनेक सांसदों ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए पीएलए के एक सैनिक को ओलंपिक मशाल वाहक बनाने के चीन के फैसले की निंदा की, इसके बाद अमेरिका ने यह बयान दिया है।
अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने पीएलए सैनिक को चीन द्वारा बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का मशाल धारक चुनने को गुरुवार को ‘शर्मनाक’ करार दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरुवार को एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जहां तक बात भारत-चीन सीमा विवाद की है, हम सीधे संवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना जारी रखेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पहले भी अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है। जैसा कि हम हमेशा करते हैं, हम दोस्तों के साथ खड़े हैं। हम हिंद-प्रशांत में अपनी साझा समृद्धि, सुरक्षा तथा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए भागीदारों और सहयोगियों के साथ खड़े हैं।’’
इससे पहले दिन में, दो शीर्ष अमेरिकी सांसदों मार्को रुबियो और जिम रिश ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फाबाओ को ओलंपिक मशाल वाहक बनाने के फैसले के लिए चीन की आलोचना की थी।
जिम ने ट्वीट किया, ‘‘यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक ऐसे व्यक्ति को चुना जो उस सैन्य कमान का हिस्सा था जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था और जो उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है। अमेरिका उइगर की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा।’’
एक अन्य ट्वीट में सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा कि यह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बीजिंग शीतकालीन खेल 2022 के राजनीतिकरण का एक और अपमानित करने वाला उदाहरण है। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा, 2020 में गलवान झड़प में शामिल रहे सैनिक को मशाल धारक के रूप में चुनना जानबूझकर उकसाने वाला कदम है।
We've previously voiced our concerns on Beijing’s pattern of ongoing attempts to intimidate its neighbors. We stand with friends, we stand with partners & allies, to advance our shared prosperity, security, & values in the Indo-Pacific: US State Dept Spokesperson Ned Price (2/2) pic.twitter.com/Rxu4JlMuZi
— ANI (@ANI) February 4, 2022
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने भी आरोप लगाया कि चीन की सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा ओलंपिक का इस्तेमाल किया जा रहा है और चीन में मानवाधिकारों के हनन से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि सेना के रेजिमेंट कमांडर क्वी फाबाओ 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ सीमा पर हुई हिसंक झड़प में घायल हो गए थे और चीन ने ओलंपिक समारोह में उन्हें मशाल वाहक के रूप में चुना है।
गलवान घाटी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था कि उसके पांच सैन्य अधिकारी तथा जवान झड़प में शहीद हुए थे।
बीजिंग में 24वें शीतकालीन ओलंपिक समारोह की शुरुआत शुक्रवार को होगी।
नयी दिल्ली में भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के मामलों के प्रमुख 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने चीन के इस कदम को ‘खेदजनक’ करार दिया।
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