चीन-पाक पर राहुल के बयान पर अमेरिका ने कहा- चीन और पाकिस्तान के रिश्ते को साझेदारी कहना गलत

Last Updated 03 Feb 2022 03:38:43 PM IST

अमेरिका का कहना है कि चीन और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते को साझेदारी को नाम देना गलत है।


अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (फाइल फोटो)

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता से बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि क्या चीन के साथ मिलकर काम करने के पाकिस्तान के चुनाव के कारण उस अमेरिको द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है।

इस सवाल का जवाब देते हुए प्रवक्ता ने कहा, हमने हमेशा यही स्पष्ट किया है कि किसी भी देश के लिए अमेरिका और चीन में से किसी एक का चुनाव करने की जरूरत नहीं है। हमारा इरादा है कि हम देशों को विकल्प दें कि अमेरिका के साथ उनका रिश्ता कैसा दिखता है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है और पाकिस्तान की सरकार के साथ अमेरिका महत्वपूर्ण रिश्ता है और इस रिश्ते का हम सभी मोर्चो पर सम्मान करते हैं।

प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका के साथ साझेदारी से कई लाभ होते हैं, जो आमतौर पर देशों को नहीं मिल पाते , जब हम चीन के साथ साझेदारी -वैसे इसे साझेदारी कहना गलत होगा- की बात आती है। हम इस पाकिस्तान और चीन पर छोड़ देते हैं कि वे अपने संबंधों को लेकर क्या कहते हैं।

प्रवक्ता से जब यह पूछा गया कि भारत की लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कथित बयान दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतिक भूल के कारण पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्ता बना , तो उन्होंने कहा कि वे ऐसे बयान का समर्थन नहीं करते हैं।

फेडरेशन और अमेरिकन साइंटिस्ट के मुताबिक 2002 से 2020 के बीच पाकिस्तान को कुल 34.25 बिलियन डॉलर की मदद मिली, जिसमें से 8.28 बिलियन डॉलर सुरक्षा सहयोग और 14.57 बिलियन डॉलर अफगानिस्तान में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को सहयोग देने के लिए गठबंधन सहयोग फंड के रूप में दिये गये।

पाकिस्तान को चीन से मिले सहयोग के विपरीत अमेरिका से प्राप्त सहयोग का बहुत बड़ा हिस्सा वापस नहीं करना है । वर्ष 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस ने अमेरिका दक्षिण एशिया रणनीति में सहयोग की कमी का हवाला देकर पाकिस्तान को दिये जाने सहयोग में कुल 800 बिलियन डॉलर की कटौती की थी।

अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि चीन के सहयोग में गुप्त कीमतें हैं, जिससे उससे सहायता लेने वाले देशों का रिण भुगतान नहीं हो पायेगा। चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर निर्माण में चीन के कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान ने गत साल चीन से 30 बिलियन डॉलर के रिण के पुनर्गठन की मांग की थी।
 

आईएएनएस
न्यूयॉर्क


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment