सीमा मसले पर एक सुर में बोले भारत-चीन
चीन और भारत हाल ही में अपनी राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ता में बनी आम सहमति के आधार पर सीमा पर तनाव घटाने के लिए कार्य कर रहे हैं तथा इस मुद्दे का उचित तरीके से समाधान कर रहे हैं।
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चीन के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह कहा। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध खत्म करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की सार्थक वार्ता होने के एक दिन बाद आई है।
इसके अलावा, ये खबरें भी आई थी कि दोनों पक्ष अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में टकराव के कई स्थानों पर से सैनिकों को सीमित संख्या में हटा रहे हैं। जमीन पर तनाव घटाने के लिए दोनों देशों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से बताने को कहे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुन¨यग ने बीजिंग में प्रेस वार्ता में कहा, ‘जमीनी स्थिति के बारे में मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं है।’ हुआ ने कहा, ‘मैं आपको सिर्फ यह बता सकती हूं कि राजनयिक, सैन्य माध्यमों के जरिए दोनों पक्ष प्रभावी संचार के साथ संबद्ध मुद्दों का उचित तरीके से समाधान कर रहे हैं। हम आम सहमति पर पहुंचे हैं और उस सहमति के आधार पर दोनों देश तनाव घटाने के लिये कार्य कर रहे हैं।’
इस बीच, नई दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि मेजर जनरल स्तर की बुधवार को हुई साढे चार घंटे से अधिक अवधि की वार्ता के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व स्थिति पूरी तरह से बहाल करने और पैंगोंग सो झील के आसपास के क्षेत्र सहित इलाके से हजारों चीनी सैनिकों को फौरन वापस बुलाए जाने पर जोर दिया।
भारत का मानना है कि पैंगोंग सो झील वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के इस ओर है। समझा जाता है कि पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक जैसे इलाकों में दोनों पक्ष आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैं। हालांकि, कुछ सैनिकों को गलवान और हॉट स्प्रिंग से वापस बुलाया गया है।
सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को कहा था कि दोनों देशों की सेनाओं ने गलवान घाटी में गश्त स्थान 14 और 15 के आसपास से और हॉट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों को हटाना शुरू कर दिया है।
उन्होंने यह भी कहा था कि चीन दोनों इलाकों में 1.5 किलोमीटर तक पीछे हटा है। पैगोंग सो क्षेत्र में हिंसक झड़प होने के बाद भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पांच मई से गतिरोध चल रहा है।
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