भारत ने कोरोना संबंधी टीके के प्रस्ताव का किया समर्थन
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के वास्ते भविष्य में विकसित होने वाले किसी टीके को निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत ढंग से उपलब्ध कराए जाने का आह्वान किया गया है।
भारत ने कोरोना संबंधी टीके के प्रस्ताव का किया समर्थन |
कोरोना वायरस से दुनियाभर में 1,77,000 लोगों की मौत हो चुकी है और इससे 25 लाख से अधिक लोग संक्रमित है।
193 सदस्यीय महासभा ने मैक्सिको के उस प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसमें कोरोना वायरस से निपटने के लिए विश्व को दवाओं, टीकों और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया गया था। पाकिस्तान उन कुछ छोटे देशों में शामिल है जिसने इस प्रस्ताव को प्रायोजित नहीं किया।
भारत उन 179 देशों में शामिल हैं जिसने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया है। इस प्रस्ताव में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के वास्ते भविष्य में विकसित होने वाले किसी टीके को निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत ढंग से उपलब्ध कराये जाने की बात कही गई है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विकास भागीदारी के माध्यम से दवाओं की वैश्विक उपलब्धता का समर्थन करने में लगातार सहयोग किया है।’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, हम कोरोना वायरस के मद्देनजर यूनिसेफ जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों की वैश्विक आपूर्ति के स्रोतों की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। इसलिए हम इस महत्वपूर्ण पहल के सह-प्रायोजक बनकर खुश हैं।’
भारत मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी कई दवाओं को कई देशों को भेजने में सबसे आगे है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह भारत जैसे उन देशों को ‘सलाम’ करते है जो कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अन्य देशों की मदद कर रहे है। अमेरिका, मॉरीशस और सेशेल्स सहित कई देशों ने पहले ही दवा प्राप्त कर ली है। अपने पड़ोसी देशों में, भारत अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका को दवा भेज रहा है।
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