अफगानिस्तान: काबुल में आतंकी हमले में 32 लोगों की मौत, IS ने ली जिम्मेदारी; भारत ने की निंदा
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बंदूकधारियों की गोलीबारी में कम से कम 32 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए।
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भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक कार्यक्रम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट रहना चाहिए तथा आतंकवाद के दोषियों तथा उसके प्रायोजकों को सजा देनी चाहिए।
अफगानिस्तान की जातीय हाजरा समुदाय के नेता शहीद माजरी की याद में आयोजित इस कार्यक्रम में शुक्रवार को कई राजनीतिक नेता मौजूद थे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत काबुल में शहीद माजरी की याद में आयोजित कार्यक्रम में घृणित आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है। इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।’’ उसने कहा, ‘‘हम मृतकों के परिजन और घायलों तथा अफगानिस्तान की सरकार और जनता के प्रति संवदेनाएं व्यक्त करते हैं।’’
यह आतंकवादी हमला ऐसे समय में हुआ है, जब हाल ही में तालिबान और अमेरिका ने ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी की राह तैयार हुई।
इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
आईएस ने ली जिम्मेदारी
इस्लामिक स्टेट से संबंधित एक नए संगठन ने देश के अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर रखी है।
तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब हाल में अमेरिका और तालिबान के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
इस कार्यक्रम में जाने-माने राजनीतिक नेताओं सहित बहुत से लोग शामिल थे। कार्यक्रम में शामिल बहुत से लोग शिया थे क्योंकि यह कार्यक्रम अफगानिस्तान के हाजरा नेता अब्दुल अली माजरी की याद में आयोजित किया गया था जिनकी 1995 में हत्या कर दी गयी थी। ज्यादातर हाजरा शिया होते हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि काबुल के दाश्त ए बारची में हुए इस हमले में 32 लोग मारे गए हैं और 81 अन्य घायल हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 32 लोगों के मारे जाने की बात कही, लेकिन घायलों की संख्या 58 बताई।
विपक्ष के नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला इस कार्यक्रम में मौजूद कई अहम राजनीतिक नेताओं में शामिल थे जो हमले से पहले वहां से चले गए थे और इस तरह वह बाल-बाल बच गए। अब्दुल्ला अब्दुल्ला पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में प्रबल दावेदार थे। कई चश्मदीदों ने कहा कि दहशत के बीच सुरक्षाबलों के कई सदस्यों ने भीड़ में नागरिकों पर गोलियां चला दीं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि गोलीबारी के बाद दोनों बंदूकधारी एक निर्माणाधीन इमारत में छिप गए जहां उनकी सुरक्षाबलों के साथ पांच घंटे तक मुठभेड़ चली। बंदूकधारी आखिरकार मारे गए।
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