आतंक के वित्तपोषण के खिलाफ संयुक्त वैश्विक प्रयास जरूरी

Last Updated 08 Nov 2019 06:00:16 AM IST

भारत ने आतंकवाद का समर्थन और आतंकवाद के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराने वालों के खिलाफ संयुक्त वैश्विक प्रयास का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस खतरे को लेकर कतई बर्दाश्त न करने की नीति होनी चाहिए।


केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी (file photo)

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने यहां ‘आतंकवाद के लिए कोई धनराशि नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में कुछ देशों द्वारा आतंकवादी संगठनों को दिए जा रहे मौन समर्थन पर भी भारत की चिंता जाहिर की। उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा कि आतंकवाद का समर्थन या उनके लिए धन उपलब्ध कराने वाले सभी लोगों के खिलाफ संयुक्त वैश्विक प्रयास किये जाने की जरूरत है।
पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकवादी संगठनों को प्रायोजित करने और उनका समर्थन करने का दोषी ठहराया जाता है, ये आतंकवादी संगठन भारत में सैकड़ों हमलों के लिए जिम्मेदार हैं, जिनमें 2008 में मुंबई में हुआ 26/11 और 2001 में संसद पर हुआ हमला शामिल है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में रेड्डी ने कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद का पीड़ित है और आतंकवाद को लेकर उसकी कतई बर्दाश्त नहीं करने की रणनीति है। इस सम्मेलन में 65 देश हिस्सा ले रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बावजूद अलकायदा से संबद्ध कई संगठन और सदस्य दुनिया के कई हिस्सों में अब भी मौजूद हैं और उन्होंने चेतावनी दी कि हाल में आईएसआईएस प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी के खात्मे के बावजूद यह मान लेने की कोई गुंजाइश नहीं है कि ‘खलीफा’ बचे रहने के लिए संघर्ष नहीं करेगा। रेड्डी ने सम्मेलन के प्रस्ताव में चार बिंदुओं को शामिल करने का अनुरोध किया- (1) आतंकवाद शांति, सुरक्षा और विकास के लिये सबसे बड़ा खतरा है, (2) संयुक्त राष्ट्र के तहत अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को अंतिम रूप देने में राष्ट्रों को तेजी लानी चाहिए, (3) एफएटीएफ मानकों को प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और संरा सूची/एफएटीएफ का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, (4) कट्टरवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिये चर्चा शुरू की जाए। मंत्री पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक वाईसी मोदी भी शामिल हैं।

भाषा
मेलबर्न


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