हसीना की पार्टी जीत की ओर
बांग्लादेश के आम चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी शुरुआती रूझानों के मुताबिक भारी अंतर से आगे चल रही है। पार्टी की जीत के साथ हसीना का चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
राजधानी ढाका में मतदान के लिए कतार में खड़ी महिलाएं। एक मतदान केंद्र पर वोट डालतीं प्रधानमंत्री शेख हसीना (इनसेट)। |
देर रात मिली खबरों के मुताबिक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रविवार को गोपालगंज-3 निर्वाचन क्षेत्र से भारी मतों के अंतर से चुनाव जीत गई। उन्हें 2,29,539 वोट मिले, जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीएनपी के उम्मीदवार को महज 123 वोट मिले। चुनाव आयोग ने शाम में आधिकारिक तौर पर हसीना की जीत की घोषणा की। इस सीट से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार एसएम जिलानी को 123 वोट, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के उम्मीदवार मारूफ शेख को 71, जबकि बाकी उम्मीदवारों को कुल 14 वोट मिले। चुनाव आयोग के मुताबिक इस सीट पर कुल 2,29,747 वोट पड़े।
इस बीच बांग्लादेश के विपक्षी एनयूएफ गठबंधन ने रविवार को आम चुनाव के परिणाम को खारिज कर दिया और निष्पक्ष कार्यवाहक सरकार के अंतर्गत फिर से मतदान कराने की मांग की। इस गठबंधन में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी भी है। नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ) में मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), गोनो फोरम, जातीय समाजतांत्रिक दल-जेएसडी, नागोरिक ओइकिया और कृषक श्रमिक जनता लीग है।
एनयूएफ के संयोजक और गोनो फोरम पार्टी का नेतृत्व करने वाले कमल हुसैन ने कहा, ‘‘हम परिणाम को खारिज करते हैं और निष्पक्ष सरकार के अंतर्गत नए चुनाव की मांग करते हैं।’’ उनका बयान ऐसे वक्त में आया है, जब शुरुआती रूझानों में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़अवामी लीग नीत गठबंधन को भारी जीत मिलती दिख रही है। हुसैन ने कहा कि हम चुनाव रद्द करने के लिए कह रहे हैं। हमें खबरें मिली हैं कि करीब सभी केंद्रों पर धांधली की गई।
इसके पहले मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक जारी रहा। चुनाव में देश के विभिन्न हिस्सों में घटित हिंसात्मक घटनाओं में 17 लोगों के मारे जाने की खबर है। राजधानी के ढाका सेन्टर में सबसे पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वोट डाला। वोट डालने के बाद हसीना ने कहा, ‘मुझे हमेशा चुनाव में हमारी जीत का यकीन रहता है.. मुझे अपने लोगों पर यकीन है और मुझे पता है कि वे हमें चुनेंगे ताकि उन्हें बेहतर भविष्य मिल सके।’
एक ओर जहां हसीना चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर जेल में बंद उनकी चिर प्रतिद्वंदी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया का भविष्य अधर में लटका नजर आता है। सूचनाओं के मुताबिक, जिया आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हैं।
पहली बार हुआ ईवीएम का इस्तेमाल
बांग्लादेश में रविवार को आम चुनाव के लिए पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल हुआ। हालांकि, सीमित संख्या में ही ईवीएम का प्रयोग हुआ है और कुछ जगहों से तकनीकी गड़बड़ी की भी खबरें आई हैं। कुल 299 संसदीय क्षेत्रों में से केवल छह क्षेत्रों में ईवीएम का प्रयोग किया गया। हालांकि, पड़ोसी भारत में दशकों से इसका इस्तेमाल हो रहा है। मीडिया की खबर के मुताबिक, ईवीएम के इस्तेमाल के लिए लॉटरी के जरिए छह सीटों का चयन हुआ। ढाका-6, ढाका-13, छत्तोग्राम-9, रंगपुर-3, खुलना-2 और सतखीरा-2 में इसे आजमाया गया। मतदान खत्म होने के कुछ घंटे के बाद इन छह सीटों पर परिणाम की घोषणा हो सकती है।
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