भारत हमेशा रहा शांति, अहिंसा का समर्थक : नायडू

Last Updated 11 Nov 2018 12:25:27 AM IST

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत हमेशा शांति और अहिंसा का समर्थक रहा है।


Paris: Vice President M. Venkaiah Naidu addresses the Indian Community in Paris, France on Nov 9, 2018. Also seen Vice President M. Venkaiah Naidu's wife M. Usha Naidu.

उन्होंने कहा कि एक दूसरे पर निर्भरता से दुनिया की प्रगति बातचीत और आपसी समझ से प्राप्त की जा सकती है। वेंकैया नायडू शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में यूनेस्को में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "तरक्की के लिए शांति पहली शर्त है। एक दूसरे पर आश्रित संसार में बातचीत और आपसी समझ से ही प्रगति हासिल की जा सकती है।"


उन्होंने भारत सरकार के साहसिक सुधार कार्यक्रामें की सराहना की और कहा कि सरकार देश के अकादमिक परिदृश्य में बदलाव ला रही है।

नायडू ने कहा कि भारत की विकास यात्रा आशाओं और नए बदलावों से गुजर रही है। यह ऐसे समय में हो रही है जब क्षेत्र के कुछ हिस्सों सहित शेष दुनिया मंदी का सामना कर रही है।



उन्होंने कहा कि माल और सेवा कर का लागू किया जाना निर्बाध और कुशल राष्ट्रीय बाजार की दिशा में एक बड़ा कदम था। इससे भारत में व्यवसाय स्थापित करने और उसे बढ़ाने में आसानी होगी।

नायडू ने प्रवासी भारतीय समुदाय से न्यू इंडिया के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनने की अपील की और उनसे भारत में निवेश और नवाचार के लिए उपयुक्त अवसरों का लाभ उठाने को कहा। उन्होंने कहा, "प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए सक्रिय रूप से अपनी जड़ों से जुड़ने का भी यह सही समय है।"

उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उद्योग, कृषि, कला, संस्कृति, शासन या राजनीति के क्षेत्र में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह योगदान और सफलता फ्रांस के साथ-साथ उनके अपने देश भारत के लिए भी गर्व की बात है।

उन्होंने कहा, " विदेशों में निवासी करने वाले भारतवंशियों ने फ्रांस में सार्वजनिक जीवन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। इनमें से कई फ्रांस और यूरोपीय संसद में सांसद भी हैं।"

वहां मौजूद लोगों को फ्रांस के साथ भारत के दीर्घकालीन और परस्पर मजबूत संबंध की याद दिलाते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर के विचारों से कई फ्रांसीसी विचारक प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा कि मैडम भीकाजी कामा और जेआरडी टाटा जैसे भारतीय इतिहास की दिग्गज हस्तियों के भी फ्रांस के साथ घनिष्ठ संबंध थे।

उपराष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत और फ्रांस के संयुक्त प्रयासों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि विकास में भारत और फ्रांस की साझेदारी दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं, विशेष रूप से स्मार्ट शहरीकरण और परिवहन के क्षेत्र में बहुत लाभकारी साबित हुई है।

इससे पहले उपराष्ट्रपति ने यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजौले के साथ बातचीत की और उन्हें 2030 के सतत विकास एजेंडे को हासिल करने के भारत के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस सदर्भ में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों का विशेष रूप से जिक्र किया।

उन्होंने इस अवसरपर शिक्षा तक पहुंच को आसान बनाने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के उपयोग, शिक्षण प्रक्रिया और शिक्षक विकास कार्यक्रमों की गुणवत्ता में वृद्धि, शैक्षणिक योजना और प्रबंधन को सुदृढ़ करने और निगरानी प्रणाली में सुधारों पर भी चर्चा की।

उपराष्ट्रपति प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के शताब्दी वर्ष समारोह में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस में हैं। वह इस अवसर पर आर्क द ट्रिंफ पर आयोजित एक वैश्विक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे और प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

नायडू विलर्स गुसलेन में भारतीय सशस्त्र बलों के एक स्मारक का भी उद्घाटन करेंगे। यह स्मारक उन हजारों भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में शहादत दी थी।

आईएएनएस


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