ईशनिदा मामले में ईसाई महिला को बरी करने के खिलाफ पाकिस्तान में तनाव व्याप्त

Last Updated 01 Nov 2018 03:32:27 PM IST

पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामले में एक ईसाई महिला को बरी करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से देश में तनाव व्याप्त है।


SC के फैसले खिलाफ पाकिस्तान में तनाव (फाइल फोटो)

देशभर में फैसले के खिलाफ गुरुवार को दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा जबकि प्रधानमंत्री इमरान खान इसे लेकर कट्टरपंथियों को चेतावनी दे चुके हैं। अपने पड़ोसियों के साथ विवाद के दौरान इस्लाम का अपमान करने के आरोप में 2010 में चार बच्चों की मां आसिया बीबी (47) को दोषी करार दिया गया था। उन्होंने हमेशा खुद को बेकसूर बताया। हालांकि, बीते आठ वर्ष में उन्होंने अपना अधिकतर समय एकांत कारावास में बिताया।      

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में ईशनिंदा की दोषी करार दी गई एक ईसाई महिला को सुनाई की मौत की सजा को पलटते हुए उसे बरी कर दिया जिसके बाद देश भर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए।

अदालत का मानना था कि उसके खिलाफ जो साक्ष्य पेश किए गए वे अपर्याप्त थे। ये विरोध प्रदर्शन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान और दूसरे समूहों के नेतृत्व में हो रहे हैं। इन लोगों ने देश के कई इलाकों में मुख्य राजमागरें और रास्तों में जाम लगा दिया ।      

यातायात अधिकारियों ने कहा कि कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में बड़ी गड़बड़ी देखी गई है, जहां दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख सड़कों की नाकाबंदी कर दी है। भीड़ की मौजूदगी के कारण प्रमुख मागरें पर यातायात रुक गया।    
 
इन प्रदर्शनों से पंजाब प्रांत सबसे अधिक प्रभावित है। यहां स्कूलों को बंद कर दिया गया है और सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट की पूरक परीक्षाएं रोक दी गई हैं। इसके अलावांिसध और खैबर पख्तूनवा में निजी स्कूल बंद हो गये हैं और अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस और अर्धसैनिक बल हालात पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं।      

इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री खान ने उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद कट्टरपंथियों से कहा था कि वे ‘‘सरकार से न टकराएं’’ और तोड़फोड़ से दूर रहें। बीबी पर फैसला आने के बाद उन्होंने देश के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया था।        

बीबी पर 2009 में ईशनिंदा का आरोप लगा था और 2010 में निचली अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनायी थी जिसे 2014 में लाहौर उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था।      

बीबी का मामला सुर्खियों में तब आया जब देश के पंजाब प्रांत के गर्वनर रहे सलमान तासीर की 2011 में ईशनिंदा कानून की आलोचना और बीबी का समर्थन करने के चलते हत्या कर दी गई। तासीर की हत्या के एक महीने बाद पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों मामलों के मंत्री शहबाज भट्टी की इस्लामाबाद में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। ईसाई मत को मानने वाले भट्टी ने भी इस कानून की निंदा की थी।     

पाकिस्तान की 19 करोड़ 70 लाख की आबादी में महज 40 लाख ईसाई हैं जबकि हिन्दू सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक समूह है।

 

भाषा


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