माओ के बाद शी चीन के सर्वाधिक ताकतवर नेता बने

Last Updated 24 Oct 2017 04:23:02 PM IST

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राजनीतिक विचारधारा को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के संविधान में शामिल कर लिया गया है, जिसके बाद शी चीन के महान नेताओं माओ त्सेतुंग और डेंग शियाओपिंग की श्रेणी में शामिल हो गए हैं.


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सीपीसी को संबोधित करते हुए.

बीजिंग में सप्ताहभर तक चली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं कांग्रेस की बैठक के अंत में शी की राजनीतिक विचारधारा को संविधान में शामिल करने की मंजूरी दी गई. इससे पहले माओ और डेंग को ही यह सम्मान प्राप्त हुआ था.

इस कदम के बाद शी जिनपिंग का देश में कद काफी बढ़ गया है और देश की राजनीति में उनकी शक्ति बढ़ गई है.

शी जिनपिंग (64) ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन का 'अंतर्राष्ट्रीय शक्ति और प्रभाव के नए युग में' नेतृत्व करने की प्रतिबद्धता जताई.

पार्टी के संविधान में 'चीनी विशेषताओं के साथ नए युग के समाजवाद' पर अपने विचारों के शामिल होने से शी ने जियांग जेमिन और हू जिंताओ जैसे दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है.

माओ और डेंग के बाद शी तीसरे चीनी नेता है, जिनकी विचारधारा को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के संविधान में शामिल किया गया है.

संविधान में हुए संशोधन के मुताबिक, "मार्क्‍सवाद-लेनिनवाद, माओ त्सेतुंग, डेंग सिद्धांत के साथ कांग्रेस ने नए युग में चीन की विशेषताओं के साथ शी जिनपिंग के समाजवाद पर विचारों को सर्वसम्मति से शामिल करने पर सहमति जताई."

संविधान संशोधन के मुताबिक, "कांग्रेस ने पार्टी के सभी सदस्यों से सोच एवं कार्य के स्तर पर एकता हासिल करने और इनका अध्ययन और इन्हें अंगीकार करने के लिए अधिक उद्देश्यपूर्ण होने का आग्रह किया."

शी ने 2,200 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारी पार्टी में मजबूत और दृढ़ नेतृत्व है. हमारी समाजवादी प्रणाली मजबूत है. चीनी लोग और देश ने अभूतपूर्व संभावनाओं को अंगीकार किया है."



'गार्डियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, शी ने कहा, "आज हम 1.3 अरब से अधिक चीनी लोग सम्मान और उत्साह से रहते हैं. हमारी चीनी सभ्यता की चिरस्थाई गरिमा और आभा रही है."

चीनी गणराज्य की 1949 में स्थापना होने के बाद से माओ-त्से-तुंग अकेले ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें उनके जीवित रहने के दौरान इस तरह का सम्मान मिला था, उनके जीवनकाल में उनकी विचारधारा को महत्व मिला था जिसे माओ विचारधारा कहा जाता है.

माओ के नेतृत्व में ही चीन 1949 में गणराज्य बना था.

सीपीसी ने अगले पांच साल के लिए पार्टी का नेतृत्व करने के लिए 19वीं केंद्रीय समिति का चुनाव किया.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, 19वीं सीपीसी केंद्रीय समिति बुधवार को अपने पहले सत्र में पार्टी महासचिव का चुनाव करेगी.

पार्टी के संविधान के मुताबिक, सीपीसी की सर्वोच्च अग्रणी संस्था नेशनल कांग्रेस और उसके द्वारा चुनी गई केंद्रीय समिति है और पार्टी से संबद्ध सभी संगठन और सदस्य नेशनल कांग्रेस और केंद्रीय समिति के अधीन होते हैं.

सीपीसी कांग्रेस का आयोजन हर पांच साल में होता है और इसका आयोजन केंद्रीय समिति करती है.

नेशनल कांग्रेस के प्रतिनिधियों की संख्या और उनके चुनाव की प्रक्रिया का निर्धारण केंद्रीय समिति ही करती है.

 

 

आईएएनएस


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