Mokshada Ekadashi Vrat Katha : मोक्षदा एकादशी पर जरुर सुनें यह व्रत कथा, होगी मोक्ष की प्राप्ति

Last Updated 21 Dec 2023 10:03:00 AM IST

Mokshada Ekadashi 2023 Vrat Katha : मार्गशीर्ष माह की मोक्षदा एकादशी व्रत को बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। इस दिन व्रत करने से भक्तों को को मोक्ष मिलता है। जानें मोक्षदा एकादशी की कथा


Mokshada Ekadashi Vrat Katha

Mokshada Ekadashi 2023 Vrat Katha : एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय है इसलिए दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साल भर में 24 एकादशी होती हैं और इसमें एक है मोक्षदा एकादशी। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2023 ) के नाम से जाना जाता है। इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 22 दिसंबर और 23 दिसंबर दोनों दिन रखा जाएगा।

मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने वाले लोगों का जीवन खुशियों से भर जाता है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।  मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भक्तजन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा - पाठ करते हैं।  शास्त्रों के अनुसार जो लोग इस दिन पूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति भाव से व्रत रख कर भगवान नारायण की उपासना करते हैं। उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है इस दिन श्री हरि की पूजा करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्त होती है।  

मोक्षदा एकादशी व्रत की कथा (Mokshada Ekadashi Vrat Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार वैखानस नाम का राजा चंपा नगरी में राज करता था। वह चारों वेदों का ज्ञानी था। एक दिन उसने सपना देखा कि उसके पिता नर्क में यातनाएं झेल रहे हैं। तब राजा ने यह सपना अपनी पत्नी को बताया। तो राजा की पत्नी ने उन्हें आश्रम जाने की सलाह दी।

राजा आश्रम में गया और वहां गुरुओं से मिला। वैखानस को देखकर पर्वत मुनि ने उनके आने का कारण पूछा, तब राजा ने सारी बात ऋषि को बताई। ऋषि ने राजा को आर्शीवाद देते हुए कहा कि तुम एक पुण्य आत्मा हो, लेकिन तुम्हारे पिता अपने कर्मों का फल भुगत रहे हैं।

तुम्हारे पिता ने तुम्हारी मां को अपनी दूसरी पत्नी के कारण यातनाएं दी थी। इसी कारण वे नर्क में यातनाएं भुगत रहे हैं। राजा ने ऋषि से इस समस्या का समाधान पूछा, जिस पर ऋषि ने राजा को मोक्षदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। राजा ने मोक्षदा एकादशी का व्रत पूरे विधि -विधान से किया। इसके बाद राजा के पिता को नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिल गई।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment