विवाह

Last Updated 05 Apr 2022 01:24:03 AM IST

मैं विवाह के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मैं असली विवाह के पक्ष में हूं। मैं झूठे, नकली विवाह के खिलाफ हूं जो कि होता है, लेकिन वह एक व्यवस्था है।


आचार्य रजनीश ओशो

वह तुम्हें एक तरह की सुरक्षा देता है, रक्षण करता है , व्यस्तता देता है। तुम्हें उलझाए रखता है। इसके सिवाय वह तुम्हें कोई आंतरिक समृद्धि नहीं देता, कोई पोषण नहीं देता। तो  अगर तुम मेरे हिसाब से विवाह करो तो ही मैं तुम्हें अपने अशीष दे सकता हूं। प्रेम करना सीखो। प्रेम के नाम पर जो चलता है वह सब छोड़ दो। यह पर्वत पर चढ़ने जैसा है।

प्रेम करने की क्षमता अस्तित्व में बड़े से बड़ी कला है। इतने परिष्कार की जरूरत है, इतनी आंतरिक संस्कृति, इतनी ध्यानपूर्ण चित्त दशा कि व्यक्ति को एकदम दिखाई पड़े कि कैसे वह नष्ट किए चला जाता है। यदि तुम विध्वंसक होना छोड़ दो, यदि तुम अपने संबंध में रचनात्मक होना शुरू करो, यदि तुम उसे सहारा दो, उसका पोषण करो, यदि तुम्हारे भीतर दूसरे के लिए करु णा की क्षमता हो सिर्फ  वासना की नहीं। केवल वासना प्रेम को सम्हाल नहीं सकती, करु णा चाहिए। यदि तुम दूसरे पर करु णा कर सको, यदि तुम उसकी सीमाओं को, उसकी अपूर्णताओं को स्वीकार कर सको,  यदि दूसरा जैसा है वैसे ही तुम उससे प्रेम कर सको तो फिर एक दिन विवाह घटता है।

उसमें वर्षो लग सकते हैं या पूरा जीवन लग सकता है। तुम्हें मेरे आशीष मिल सकते हैं, लेकिन कानूनी विवाह के लिए मेरे आशीषों की जरूरत नहीं है, और मेरे आशीष किसी काम के भी नहीं होंगे। और ध्यान रहे, इससे पहले कि उसमें छलांग लगाओ, उस पर पुनर्विचार करो। एक स्त्री एक पालतू प्राणियों की दुकान में आती है और एक बड़ी चोंच वाले पक्षी को देखती है। वह विचित्र दिखने वाला पक्षी कौन सा है? वह दुकान मालिक से पूछती है। ‘वह गॉबल बर्ड है, दुकानदार कहता है। तुम उसे गॉबल बर्ड क्यों कहते हो?

वह आदमी पक्षी से कहता है, ‘गॉबल बर्ड, मेरी कुर्सी! वह पक्षी फौरन चोंच मारकर कुर्सी खाने लगता है। मैं उसे खरीदूंगी, स्त्री कहती है। मालिक कारण पूछता है। वह कहती है, ‘जब मेरे पति घर आएंगे और पक्षी को देखेंगे तो पूछेंगे, यह क्या है? तो मैं कहूंगी, यह गॉबल बर्ड है। तो वह कहेंगे, ‘गॉबल बर्ड? मेरा सिर! ‘तो इससे पहले कि तुम फंस जाओ, थोड़ा होश सम्हालो। विवाह एक पिंजरा है, पत्नी तुम्हें फंसा लेगी और तुम पत्नी को फंसा लोगे। यह पारस्परिक पिंजरा है। और फिर कानूनन तुम्हें एक-दूसरे को सताने की इजाजत मिलती है। 



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