गंगा
गंगा के प्रतीक को भी समझने जैसा है। गंगा के साथ हिंदू मन बड़े गहरे में जुड़ा है।
![]() आचार्य रजनीश ओशो |
गंगा को हम भारत से हटा लें, तो भारत को भारत कहना मुश्किल हो जाए। सब बचा रहे, गंगा हट जाए, भारत को भारत कहना मुश्किल हो जाए। गंगा को हटा ले तो भारत का साहित्य अधूरा पड़ जाए। गंगा को हम हटा ले तो हमारे तीर्थ ही खो जाए, हमारे सारे तीर्थ की भावना खो जाए। गंगा के साथ भारत के प्राण बड़े पुराने दिनों से कमिटेड हैं। बड़े गहरे से जुड़े है। गंगा जैसे हमारी आत्मा का प्रतीक हो गई है।
मुल्क की भी अगर कोई आत्मा होती हो और उसके प्रतीक होते हो तो, गंगा ही हमारा प्रतीक है। पर क्या कारण होगा गंगा के इस गहरे प्रतीक बन जाने का कि हजारों-हजारों वर्ष पहले कृष्ण भी कहते हैं। नदियों में मैं गंगा हूं। गंगा कोई नदियों में विशेष विशाल उस अर्थ में नहीं है। गंगा से बड़ी नदियां हैं। गंगा से लंबी नदियां हैं। गंगा से विशाल नदियां पृथ्वी पर है। गंगा कोई लंबाई में, विशालता में, चौड़ाई में किसी दृष्टि से बहुत बड़ी गंगा नहीं है। कोई बहुत बड़ी नदी नहीं है। ब्रह्मपुत्र है, और अमेजान है, और ह्व्गांहो है और सैकड़ों नदियां हैं, जिसके सामने गंगा फीकी पड़ जाए।
पर गंगा के पास कुछ और है, जो पृथ्वी पर किसी भी नदी के पास नहीं है। और उस कुछ के कारण भारतीय मन ने गंगा के साथ तालमेल बना लिया है। एक तो बहुत मजे की बात है कि पूरी पृथ्वी पर गंगा सबसे ज्यादा जीवंत नदी है, अलाइव। सारी नदियों का पानी आप बोतल में भर कर रख दें, सभी नदियों का पानी सड़ जाएगा। गंगा भर का नहीं सड़ेगा। केमिकली गंगा बहुत विशिष्ट है। बंद बोतल में भी वह अपनी पवित्रता, अपनी स्वच्छता कायम रखता है। ऐसा किसी नदी का पानी पूरी पृथ्वी पर नहीं है। गंगा का पानी इस अर्थ में विशेष मालूम पड़ता है। गंगा में इतनी लाशें हम फेंकते है। गंगा में हमने हजारों-हजारों वर्षो से लाशें बहाई है। अकेले गंगा के पानी में, सब कुछ लीन हो जाता है, हड्डी भी। दुनिया की किसी नदी में वैसी क्षमता नहीं है।
गंगा सभी को आत्मसात कर लेती है। हड्डी को भी। कोई भी दूसरे पानी में लाश को हम डालेंगे, पानी सड़ेगा। पानी कमजोर और लाश मजबूत पड़ती है। गंगा में लाश को हम डालते है, लाश ही बिखर जाती है। मिल जाती है अपने तत्वों में। गंगा अछूती बहती रहती है। उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। गंगा के पानी की बड़ी केमिकल परीक्षाएं हुई है वैज्ञानिक। और अब तो यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो गया है कि उसका पानी असाधारण है।
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