सृष्टि

Last Updated 27 Oct 2021 02:21:40 AM IST

आप सृष्टि की रचना के पीछे का विज्ञान जानते हैं। दुनियाभर के धर्म अपनी- अपनी व्याख्याएं देते रहे हैं, जिन्हें आम तौर पर एक खास मकसद से सुनाया जाता है।


सद्गुरु

जरूरी नहीं है कि उसे सही आंकड़ों के रूप में प्रस्तुत किया जाए, बल्कि उसे एक खास इरादे के साथ बताया जाता है। विज्ञान का कहना है कि एक बिग-बैंग यानी एक बहुत बड़ा धमाका हुआ और धुंधली गैसें ठोस होती गई, फिर इस सृष्टि की रचना हुई। यह तथ्य के आधार पर सही है। कोई और कहता है कि ईश्वर ने सारा ब्रह्मांड बनाया - जो तथ्य नहीं है, मगर सत्य है।

जब हम कहते हैं कि ईश्वर ने सृष्टि की रचना की, तो पहला सवाल यह है कि ईश्वर के बारे में हमारी धारणा क्या है? हमारे दिमाग में ईश्वर का ख्याल कैसे आया? हमने ईश्वर का आविष्कार क्यों किया? सिर्फ  इसलिए क्योंकि हमारे पास सृष्टि के निर्माण के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं था। तो आखिर जो सारी सृष्टि हम देख रहे हैं, उसे किसने बनाया?

इसका सबसे सरल स्पष्टीकरण यह है कि दुनिया से परे की किसी चीज ने इसे बनाया। आपने और मैंने इस धरती को नहीं बनाया, यह बिल्कुल स्पष्ट है। फिर इसे बनाया किसने? चूंकि हम इंसान हैं, तो हमने सोचा कि वह कोई बहुत बड़ा इंसान होगा। अगर आप भैस होते, तो आपको लगता कि उसके पीछे किसी बहुत बड़ी भैंस का हाथ होगा। चूंकि आप खुद मनुष्य हैं इसलिए आप ईश्वर को एक मनुष्य के रूप में देखते हैं। मान लीजिए आप चींटी होते, तो ईश्वर के बारे में आपका विचार एक बड़ी चींटी का होता।

तो ईश्वर को हम जो भी रूप देते हैं, वह हमारी प्रासंगिकता के मुताबिक है। मगर मुख्य रूप से हम यह स्वीकार करते हैं कि दुनिया से परे की किसी चीज ने इसकी रचना की है। इसमें कोई संदेह नहीं है। मगर वह परे की चीज क्या है- इसे लोग अपने तरीके से समझाने की कोशिश करते हैं। मगर कोई समझा नहीं पाया और उसे समझाया भी नहीं जाना चाहिए। हमसे परे के किसी आयाम ने इसे बनाया, यह एक वास्तविकता है।



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