शाकाहार
आदमी को, स्वाभाविक रूप से, एक शाकाहारी होना चाहिए क्योंकि पूरा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए बना है।
आचार्य रजनीश ओशो |
वैज्ञानिक इस तथ्य को मानते हैं कि मानव शरीर का संपूर्ण ढांचा दिखाता है कि आदमी गैर-शाकाहारी नहीं होना चाहिए। आदमी बंदरों से आया है। बंदर शाकाहारी हैं, पूर्ण शाकाहारी। अगर डार्विन सही है तो आदमी को शाकाहारी होना चाहिए। जरा देखो, क्या होता है जब तुम मांस खाते हो: जब तुम एक पशु को मारते हो, क्या होता है पशु को, जब वह मारा जाता है? बेशक, कोई भी मारा जाना नहीं चाहता। जीवन स्वयं को लंबाना चाहता है, पशु स्वेच्छा से नहीं मर रहा है। अगर कोई तुम्हें मारता है, तुम स्वेच्छा से नहीं मरोगे।
अगर एक शेर तुम पर कूदता है और तुमको मारता है, तुम्हारे मन पर क्या बीतेगी? वही होता है जब तुम एक शेर को मारते हो। वेदना, भय, मृत्यु, पीड़ा, चिंता, क्रोध, हिंसा, उदासी ये सब चीजें पशु को होती हैं। उसके पूरे शरीर पर हिंसा, वेदना, पीड़ा फैल जाती है। पूरा शरीर विष से भर जाता है, जहर से। शरीर की सब ग्रंथियां जहर छोड़ती हैं क्योंकि जानवर न चाहते हुए भी मर रहा है। और फिर तुम मांस खाते हो, वह मांस सारा विष वहन करता है जो पशु द्वारा छोड़ा गया है। पूरी ऊर्जा जहरीली है। फिर वे जहर तुम्हारे शरीर में चले जाते हैं। वह मांस जो तुम खा रहे हो एक पशु के शरीर से संबंधित था।
उसका वहां एक विशेष उद्देश्य था। चेतना का एक विशिष्ट प्रकार पशु-शरीर में बसता था। तुम जानवरों की चेतना की तुलना में एक उच्च स्तर पर हो, और जब तुम पशु का मांस खाते हो, तुम्हारा शरीर सबसे निम्न स्तर को चला जाता है, जानवर के निचले स्तर को। तब तुम्हारी चेतना और तुम्हारे शरीर के बीच एक अंतर मौजूद होता है, और एक तनाव पैदा होता है और चिंता पैदा होती है।
हो सकता है तुम अवगत नहीं हो: भोजन पर दुनिया में अनुसंधान चलता रहता है, और वे कहते हैं कि अगर तुम्हारी नाक पूरी तरह से बंद कर दी जाए, और तुम्हारी आंखें बंद हों, और फिर तुम्हें खाने के लिए एक प्याज दिया जाए, तुम नहीं बता सकते कि तुम क्या खा रहे हो। अब वे जानते हैं कि: आइसक्रीम पौष्टिक है या नहीं, यह बात नहीं है। उसमें स्वाद हो सकता है, कुछ रसायन हो सकते हैं जो जीभ को परितृप्त भले ही करें मगर शरीर के लिए आवश्यक नहीं होते। आदमी उलझन में है, भैंसों से भी अधिक उलझन में। तुम भैंसों को आइसक्रीम खाने के लिए राजी नहीं कर सकते। कोशिश करो!
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