स्वास्थ्य अनैतिक है!
पुरोहित स्वास्थ्य से डरते हैं क्योंकि उनकी नजरों में स्वास्थ्य अनैतिक है। शायद तुमने इस सदी के एक बहुत प्रसिद्ध जर्मन विचारक काउंट कैसरलिंग के बारे में सुना हो।
आचार्या रजनीश ओशो |
वह एक महान धार्मिंक दार्शनिक की तरह जाना जाता था। और उसने अपनी डायरी में लिखा था: स्वास्थ्य सबसे अनैतिक बात है। क्योंकि स्वास्थ्य ऊर्जा है, और ऊर्जा प्रसन्नता है, ऊर्जा आनंद है, ऊर्जा प्यार है, ऊर्जा सेक्स है, ऊर्जा वह सब कुछ है जो प्राकृतिक है।
ऊर्जा नष्ट करो, उसे कमजोर और मद्धिम करो। इसलिए इतने सारे उपवास-सिर्फ ऊर्जा को नष्ट करने के लिए, सिर्फ ऊर्जा को रोकने के लिए कि यह इतनी अधिक पैदा न हो कि छलकने लगे।
एक बीमार व्यक्ति को सेक्स की जरूरत होती है, एक स्वस्थ व्यक्ति प्रेम करता है, और प्रेम एक बिल्कुल अलग बात है। और जब दो स्वस्थ व्यक्ति मिलते हैं तो स्वास्थ्य गुणा होता है। तब वे परम की ओर जा सकते हैं एक दूसरे को मदद करते हुए। लेकिन यह उनकी जरूरत नहीं होती। यह कोई जरूरत नहीं है, यह कोई निर्भरता नहीं है। पश्चिम में यह बहुत अधिक हो रहा है क्योंकि बहुत बुनियादी बात को गलत समझा जा रहा है। लोगों को लगता है कि रिश्ते तब बनाने हैं, जब वे खुश हैं, अच्छे हैं। जब कुछ गलत हो जाता है -एक शारीरिक बीमारी भी-तो फिर क्यों कोशिश करनी?
दूसरी स्त्री खोजो, दूसरा पुरुष खोजो-यह बहुत अमानवीय लगता है। अगर यह रवैया रहता है, तो प्रेम विकसित नहीं हो सकता। फिर तुम जिसे भी प्रेम कहते हो वह और कुछ नहीं, सेक्स है, क्योंकि प्रेम का मतलब है कि तुम उस व्यक्ति का ध्यान रखते हो-स्वास्थ्य में, बीमारी में। तुम उस व्यक्ति की परवाह करते हो। जब वह व्यक्ति प्रेमपूर्ण है तब और कभी-कभी वह प्रेमपूर्ण नहीं है-फिर भी तुम्हें परवाह है। तुम व्यक्ति की फिक्र करते हो और तुम सभी गर्मिंयों और सर्दियों को स्वीकार करते हो। तुम सब कुछ है कि व्यक्ति में है स्वीकार करते हैं।
स्वास्थ्य है, बीमारी है, उम्र के वहां होने जा रहा है, युवा भी है, गुस्सा है, नफरत है-सब कुछ संभव है। क्यों?-क्योंकि उसके अगले जन्म एक ही लिंग ग्रस्त सेंटर के चल रहे एक यात्रा होगी। यह मनुष्य की चेतना मर क्षणों में सेक्स केंद्र पर इकट्ठा करेंगे, और वह बिंदु है जहां उसकी जिंदगी समाप्त हो जाएगा। अपने जीवन ऊर्जा अपने जननांग के माध्यम से जाना जाएगा।
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