भरोसा
प्यारे बच्चों, आपसे अपनी बात की शुरु आत एक सच्चाई बता कर करना चाहूंगा. आप लोग अपनी समस्या को कुछ ज्यादा ही रूमानी रूप दे रहे हैं.
धर्माचार्य जग्गी वासुदेव |
आपको दरअसल अंदाजा ही नहीं है कि आपके माता-पिता कितने संघर्ष से गुजर रहे हैं.
आपका पालन-पोषण करने, आपके जीवन को बढ़ाने, आपके लिए सबकुछ संभव बनाने के लिए उन्हें जो सर्कस करना पड़ता है, आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते.
इन सब के बावजूद वे आपके साथ अच्छा व्यवहार करने की कोशिश कर रहे हैं. राई का पहाड़ बनाने की कोशिश मत कीजिए ; आप यह पढ़ें या वह, क्या फर्क पड़ता है? मगर अपने माता-पिता को यह समझाना आपके हाथ में है कि ‘भले ही मैं इंजीनियर न बनूं, मगर आप चिंता मत कीजिए, मैं अपने जीवन में कुछ बेहतर ही करूंगा.’
अगर आप उन्हें इस बारे में भरोसा दिला पाएं, तो भले ही तत्काल सब कुछ ठीक न हो, मगर आखिरकार वे आपकी बात समझ जाएंगे. अभी आपमें से बहुत से लोग उन्हें यह भरोसा नहीं दिला पाते. वे इसलिए घबराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर आप डॉक्टर, इंजीनियर या ऐसा ही कुछ नहीं बन पाए तो आप सड़क पर आ जाएंगे.
अगर आप वह नहीं करना चाहते, जो आपके माता-पिता को आपके लिए बेहतर लगता है, तो आप अपने पसंद के किसी दूसरे क्षेत्र में काबिलियत दिखाते हुए उनसे कहिए, ‘चिंता मत कीजिए.’ मैं चाहता हूं कि आप सब एक बात याद रखें जिन लोगों को आप शिव, राम, कृष्ण या ईसा मसीह के रूप में पूजते हैं, उनमें से किसी ने आईआईटी या ऐसी कोई दूसरी परीक्षा पास नहीं की.
आप उनकी पूजा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने जीवन को अच्छी तरह जिया. आपको बस यही करना है अच्छी तरह जीना है. इंसानी तंत्र दुनिया की सबसे जटिल मशीन है. समस्या यह है कि आपने इस सुपर कंप्यूटर का यूजर मैनुअल पढ़ा ही नहीं है. वह यूजर मैनुअल ही योग है.
यह आपको अंदरूनी तौर पर संतुलित होने में मदद करेगा, आपको स्वाभाविक रूप से आनंदित बनाएगा और अपनी पूरी क्षमता में कोशिश करने में आपकी मदद करेगा. अपनी पूरी क्षमता में कोशिश करने पर आपको कामयाबी जरूर मिलेगी. आप किसी और से बेहतर भले न हों, मगर आप जितना बेहतरीन कर सकते हैं, वह करेंगे. फिर जीवन आपकी ओर जो कुछ भी उछालेगा, उसे आप पूरी गरिमा के साथ संभाल पाएंगे.
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