चंदनवाडी से 'छड़ी मुबारक' पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर रवाना
कश्मीर के पहलगाम में द्वादशी के अवसर पर चंदनवाडी आधार शिविर से भोलनाथ शिव की चांदी की छड़ी 'छड़ी मुबारक' पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुई.
'छड़ी मुबारक' पवित्र गुफा की ओर रवाना (फाइल फोटो) |
चंदनवाडी में रात बिताने के बाद आज दोपहर महंत दीपेन्द्र गिरी के नेतृत्व में भक्तों ने छड़ी की पूजा अर्चना और अन्य अनुष्ठान किये. दो अगस्त की शाम को कई स्थानों पर पूजा अर्चना के बाद श्रीनगर से छड़ी यहां पहुंची थी.
छड़ी के संरक्षक महंत गिरि ने कहा 1990 के शुरुआती दशक से आतंकवाद से पहले छड़ी मुबारक को श्रीनगर में दुर्गा नाग मंदिर में सूर्यास्त के बाद रात्रि विश्राम के लिए दशनामी अखाड़ा से जुलूस निकाल कर ले जाया जाता था. अब 'छड़ी मुबारक' को सुबह उसी दिन रास्ते में कुछ स्थानों पर रुकते हुए एक वाहन से पहलगाम पहुंचाया जा रहा है.
रात्रि विश्राम के बाद त्र्योदशी के दिन (कल शनिवार) छड़ी को चंदनवाडी से सुबह सात बजे शेषनाग के लिए ले जाया जायेगा. छह अगस्त को चतुर्दशी के दिन छड़ी को शेषनाग से सबुह सात बजे रवाना किया जायेगा और पंजतरणी में रात विश्राम किया जायेगा.
महंत गिरी ने कहा इस वर्ष की 40 दिवसीय लम्बी तीर्थ यात्रा के समापन के अंतिम दिन सात अगस्त को 'छड़ी मुबारक' को पवित्र गुफा में पूजा के लिए ले जाया जायेगा.
उन्होंने कहा कि सात अगस्त को रक्षा बंधन यानी श्रावण पूर्णिमा के दिन छड़ी मुबारक को पंचतरणी से सुबह सात बजे पूजा अर्चना के लिए ले जाया जायेगा. पवित्र गुफा में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ पूरे दिन पूजा एवं प्रार्थना की जायेगी. हालांकि शाम होने से पहले 'छड़ी मुबारक' को पंजतरणी में रात्रि विश्राम के लिए रखा जायेगा तथा आठ अगस्त को सुबह सात बजे पहलगाम की ओर रवाना होगी.
नौ अगस्त के दिन पहलगाम के लिद्दर नदी के तट पर नौ बजकर 15 मिनट पर द्वितीया पूजन एवं विसर्जन किया जायेगा. उसके बाद साधुओं के लिए पारंपरिक भोजन 'कड़ी पकौड़ा' आयोजित किया जायेगा. इस अंतिम अनुष्ठान के साथ ही स्वामी अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा समाप्त हो जाएगी और 'छड़ी मुबारक' को श्रीनगर के दशनामी अखाडा के देवस्थान मंदिर में रखा जायेगा.
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