उज्जैन का नागचन्द्रेश्वर मंदिर: गुरूवार रात 12 बजे सिर्फ एक दिन के लिए खुलेंगे भगवान के पट

Last Updated 26 Jul 2017 03:31:01 PM IST

महाकाल की नगरी उज्जैन में भगवान नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट कल मध्य रात्रि से आगामी चौबीस घंटे के लिए खुल जाएंगे. पट वर्ष में केवल नागपंचमी के मौके पर ही खोले जाने की परंपरा है.


साल में एक दिन खुलता है ये मंदिर (फाइल फोटो)

भारत में हिन्दूधर्मावंलियो के लिये कैलास मानसरोवर, बाबा अमरनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री सहित अन्य ऐसा अनेक मंदिर है, जिनके पट एक दिन से अधिक समय के खोले जाते है. लेकिन शायद भगवान नागचन्द्रेर देश का एकमा ऐसा मंदिर है, जो जिसके पट वर्ष में केवल एक दिन 24 घंटे के लिये खोले जाने की प्राचीन परंपरा है.

परंपरानुसार इस मंदिर के पट नागपंचमी के एक दिन पूर्व 27 जुलाई मध्य रात्रि 12 बजे खोले जायेंगे जो अगले दिन 28 जुलाई नागपंचमी की मध्यराि तक दर्शनार्थियो के लिए खुले रहेंगे.

सदियों पुराने विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकालेर मंदिर का विशाल परिसर तीन खंडो में विभक्त है. सबसे नीचले खंड पर महाकालेश्वर, दूसरे खंड पर ओकारेंश्वर तथा तीसरे खंड पर नागचन्द्रेश्वर का मंदिर स्थित है, जो नागपंचमी पर्व के मौके पर परपंरानुसार उसके पट केवल 24 घंटे के लिये खुलते हैं.

इस मंदिर में यहां आने वाले देश विदेश के हजारों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंध समिति द्वारा व्यापक पैमाने पर इंतजाम किए गए हैं, ताकि यहां आने वाले दर्शनार्थी शीघ दर्शन कर सकें. 

मंदिर के संबंध में बताया जाता है कि सदियों पुराने भगवान महाकालेश्वर मंदिर के निर्माण के दौरान 60 फीट ऊंचे नागचन्द्रेश्वर मंदिर में आने जाने के लिये एक एक फीट के अन्तर से 60 सीढियां बनाई गई थीं. लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में देश विदेश से दिनोदिन बढती दर्शनार्थियों को संख्या को देखते हुए कई निर्माण किये गये.

इसी प्रकार नागचन्द्रेश्वर में भी वर्तमान समय में आम दर्शनार्थियो के लिये सीढियों के रास्ते बंद कर करीब एक दशक से अधिक समय पूर्व मंदिर के सामने दर्शनार्थियो के आने जाने के लिये लोहे की सीढियां लगाई जाती हैं. ताकि 24 घंटे में अधिक से अधिक दर्शनार्थी इस मंदिर के दर्शन कर सकें.
   
महानिर्माणी अखाडे के महंत प्रकाशपुरी ने बताया कि नागचन्द्रेर मंदिर में स्थापित मूर्तियां 11 वीं शताब्दी की परमारकालीन प्रतिमा नाग के आसन पर स्थित पार्वती और छत्र के रुप में नाग का फन फैला हुआ है. यह प्रतिमा नेपाल से यहां लायी गयी थी.

नागचन्द्रेश्वर की प्रतिमा के साथ लक्ष्मी माता एवं शंकर पार्वती की नंदी पर विराजित प्रतिमा भी मंदिर में स्थापित है. नागपंचमी पर दर्शनार्थी इसका भी पूजन करते हैं. इस मंदिर पट वर्ष में नागपंचमी के पूर्व मध्यरात्रि को महानिर्माणी अखाडे के महंत एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देश पर खुलने के बाद विधिवत पूजा अर्चना के बाद आम दर्शनार्थियो के दर्शन के लिये खोले जाते हैं. प्रतिवर्ष दर्शन के लिये घंटो पूर्व श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगना शुरु हो जाती है.
   
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विभिन्न प्रांतो से यहां आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा को देखते हुए जिला एवं मंदिर प्रबंध समिति ने भगवान महाकालेश्वर एवं नागचन्द्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने वालो की अलग अलग व्यवस्था की है. इसके लिये बैरिगेट्स लगाये गये हैं. इसके अलावा नागचन्द्रेर मंदिर में सशुल्क 251 रुपए में जल्दी दर्शन और वीवीआईपी लोगों की अलग से व्यवस्था के लिए योजना तैयार की गयी है. मंदिर के आसपास का क्षेा नो पार्किग जोन बनाया गया है. साथ ही दर्शन के लिये बैरिकेट्स और मंदिर के आसपास बडी स्क्रीन की एलईडी भी लगाई जायेगी.
 

वार्ता


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