यहां है 12वीं शताब्दी का प्राचीन शिवमन्दिर
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के चित्रकोट रोड में बड़ांजी से छह किलोमीटर अन्दर इन्द्रावती नदी के किनारे एक गांव छिन्दगांव है. इस गांव में अत्यंत ही जीर्णशीर्ण प्राचीन शिव मन्दिर है, जो छिंदक नागवंशियों के शासनकाल में निर्मित हुआ था.
भगवान शिव |
यह पूर्वाभीमुख मन्दिर 5 फीट ऊंची जगह पर निर्मित है. मन्दिर गर्भगृह अर्धमंडप और मंडप में विभक्त है जिसमें अब मात्र एक गर्भगृह ही शेष है.
गर्भगृह अन्दर की ओर है, जिसमें 6 सीढ़ियां उतर कर प्रवेश करना होता है. गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है. शिवलिंग की बनावट साधारण है. प्रवेशद्वार में गणेशजी का अंकन है. प्रवेशद्वार के पास ही गणेश, नन्दी की भग्न मूर्तियां रखी हुई हैं.
मन्दिर अत्यंत ही जीर्णशीर्ण है. बस ढांचा मात्र खड़ा है, जो कभी भरभरा कर ढह सकता है. पास ही ग्रामीणों ने एक नया मन्दिर बनाया है, जिसमें चामुंडा की प्राचीन प्रतिमायें स्थापित हैं. यह मन्दिर छिन्दक नागवंशियों के शासनकाल में 12वीं सदी में निर्मित माना जाता है.
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