Biparjoy Cyclone : द्वादशी भी अपना असर दिखाएगी
15 जून को द्वादशी तिथि भी अपना असर दिखाएगी और समुद्री लहरों को आठ मीटर ऊंची उठाएगी। द्वादशी के कारण सूर्य और चंद्र की गुरुत्वाकर्षण शक्ति समुद्री लहरों को अपनी तरफ खींचने में असर दिखाएंगी।
![]() Biparjoy Cyclone : द्वादशी भी अपना असर दिखाएगी |
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र (Dr. Mrityunjay Mohapatra, Director General, Indian Meteorological Department) ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ (Rashtriya Sahara) से विशेष बातचीत में बताया कि बिपरजॉय (Biparjoy) के कारण समुद्र की लहरें दो मीटर तक उठेंगी, लेकिन 15 जून को आषाढ़ माह की 12वीं तिथि है। इस दिन पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच 67.5 डिग्री के कोण पर होगी।
धरती और समुद्री पानी पर सूरज और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव पड़ता है। सबसे ज्यादा प्रभाव पूर्णिमा और अमावस के दिन पड़ता है और अष्टमी के दिन समुद्र सबसे शांत रहता है, क्योंकि उस दिन सूरज और चांद की स्थिति 90 डिग्री पर होती है।
15 जून को द्वादशी है। अष्टमी के बाद जैसे-जैसे चांद अमावस्या और पूर्णिमा की तरफ जाता है, वैसे ही उसका असर समुद्र पर बढ़ता चला जाता है।
इस बार 18 जून को अमावस्या है और बृहस्पतिवार को द्वादशी है। इसके कारण समुद्र की लहरें छह मीटर तक उठेंगी, जबकि चक्रवात के कारण दो मीटर तक उठेंगी। 15 जून को कुल आठ मीटर ऊंची उठेंगी।
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