भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का पर्व रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया जा रहा है। सबसे पहले उज्जैन में बाबा महाकाल को राखी बांधी गई।
मान्यता है कि सबसे पहले हर पर्व बाबा महाकाल के दरबार में मनाया जाता है। उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए रक्षाबंधन पर्व के मौके पर भस्म आरती के समय सबसे पहले बाबा महाकाल को राखी बांधी गई। यह राखी पुजारी परिवार की महिलाओं ने बांधी जो रत्न जड़ित मोरपंखी राखी है।
रक्षाबंधन के मौके पर लडडुओं का भोग लगाया गया। मान्यता है कि श्रावण माह में उपवास करने के बाद रक्षाबंधन के दिन महाकाल को अर्पित किए गए लड्डू का प्रसाद लेकर उपवास का समापन किया जाता है।
ज्ञात हो कि पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण महाकालेश्वर ज्योतिर्लिग रक्षा बंधन पर्व प्रतीकात्मक रूप से मनाया जा रहा था। इस बार स्थितियां बदली हैं और संक्रमण बहुत कम है लिहाजा रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।