हिंसा और अश्लीलता दिखाने से बचें फिल्म निर्माता : नायडू
उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने फिल्म निर्माताओं से हिंसा और अश्लीलता का चित्रण करने से बचने का आग्रह करते हुए कहा है कि सिनेमा उद्योग को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जो संस्कृति और परंपराओं को कमजोर करता हो।
![]() उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू |
नायडू ने सोमवार को यहां 67वें राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एक फिल्म को सामाजिक और नैतिक संदेश का वाहक होनी चाहिए। एक अच्छी फिल्म में दिलों और दिमागों को छूने की शक्ति होती है।
सिनेमा दुनिया का सबसे सस्ता मनोरंजन है और फिल्म निर्माताओं और कलाकारों से लोगों, समाज और राष्ट्र की बेहतरी के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फिल्मों को हिंसा और अश्लीलता दिखाने से बचना चाहिए और समाज की सामाजिक बुराइयों की अस्वीकृति को आवाज देनी चाहिए। सकारात्मकता और खुशी लाने के लिए सिनेमा की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एक संदेश वाली फिल्म में स्थायी अपील होती है।
सिनेमा में मनोरंजन के अलावा ज्ञान प्रदान करने की शक्ति भी है। उपराष्ट्रपति ने सिनेमा उद्योग को सलाह दी कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करें जो हमारी महान सभ्यता की महान संस्कृति, परंपराओं, मूल्यों और लोकाचार को कमजोर करे।
भारतीय फिल्में दुनिया भर के दर्शकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती हैं। उन्हें बाहरी दुनिया के लिए ‘भारतीयता’ का एक ‘स्नैपशॉट’ पेश करना चाहिए। फिल्म उद्योग को सांस्कृतिक कूटनीति की दुनिया में प्रभावी राजदूत बनने की जरूरत है।
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