भंसाली ने संसदीय समिति से कहा- फिल्म काल्पनिक, इतिहास से कोई लेना देना नहीं

Last Updated 01 Dec 2017 05:00:30 AM IST

पद्मावती के निर्देशक और निर्माता संजय लीला भंसाली की बृहस्पतिवार को संसद की स्थायी समिति ने जमकर खिंचाई की.


पद्मावती के निर्देशक और निर्माता संजय लीला भंसाली (file photo)

समिति ने कहा कि आपकी हर फिल्म रिलीज होने से पहले विवादों में रहती है. क्या आप जानबूझकर विवाद खड़ा करते हैं?

फिल्में मनोरंजन के लिए होती हैं न कि समाज में तनाव पैदा करने के लिए.

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि अभी उन्होंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन वह एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर रहे हैं जो फिल्म का ऐतिहासिक पहलू देखेगी.

यदि इतिहास से छोड़छाड़ की गई होगी तो जरूर कार्रवाई होगी.

► समिति ने पूछा- कल्पना पर है तो ऐतिहासिक पात्रों के नाम क्यों लिए गए
► क्या विवाद खड़ा करना ही आपका मकसद है?
► फिल्में मनोरंजन के लिए होती या समाज में तनाव फैलाने के लिए
► सेंसर बोर्ड ने कहा, विशेषज्ञों की समिति का गठन किया, इतिहास से छेड़छाड़ हुई तो कार्रवाई करेंगे

विदेश कैसे भेजी : बोर्ड ने पूछा आपने फिल्म विदेश में प्रदर्शन के लिए कैसे भेजी. क्या सरकारी विभागों से आवश्यक मंजूरी ले ली है. समिति ने एक प्रश्नावली देकर उन्हें जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.

संसद की दो समितियों की हुई बैठक : पद्मावती को लेकर बृहस्पतिवार को संसद की दो समितियों की बैठक हुई. भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता वाली याचिका समिति ने सेंसर बोर्ड के अक्ष्यक्ष प्रसून जोशी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव एनके सिन्हा को बुलाया था. जोशी ने कहा कि अभी उन्होंने फिल्म नहीं देखी लेकिन वह एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर रहे हैं. इस समिति में इतिहासकार, लेखक और शिक्षाविद् शामिल होंगे.

स्थायी समिति में हुई खिंचाई : सूचना एवं प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने भंसाली की खिंचाई की. समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने उनसे पूछा कि आपकी हर फिल्म में विवाद क्यों होता है. बाजीराव मस्तानी, रामलीला आदि फिल्मों में भी विवाद था. फिल्में मनोरंजन के लिए बनाई जाती हैं न कि समाज में तनाव पैदा करने के लिए बनाई जाती है. उन्होंने हिदायत दी कि भविष्य में इस बात का ध्यान रखें कि समाज में तनाव पैदा न हो.
जोशी ने लगाया आरोप 
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने भी निर्माता पर दवाब बनाने का आरोप लगया. उन्होंने कहा कि फिल्म के रिलीज की तारीख पहले तय करना और मीडिया के एक वर्ग को दिखाना दबाव डालना है. जोशी ने सूचित किया कि उन्होंने एक कमेटी बनायी है जिसमें शिक्षाविद, इतिहासकार, लेखक शामिल होंगे. यह कमेटी फिल्म देखेगी और यदि इतिहास से छेड़छाड़ की गयी होती तो अवश्य कोई निर्णय लेंगे.

रोशन
सहारा न्यूज ब्यूरो


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