जगजीत सिंह ने गजल गायकी को दिया नया आयाम

Last Updated 10 Oct 2019 03:44:24 PM IST

बॉलीवुड में जगजीत सिंह को एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी गजल गायकी से लगभग चार दशक तक श्रोताओं के दिल पर अमिट छाप छोड़ी।


गजल गायक जगजीत सिंह (फाइल फोटो)

 आठ फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में जगजीत सिंह के बचपन का नाम जगमोहन था लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने अपना नाम जगजीत सिंह रख लिया। बचपन से ही जगजीत सिंह को संगीत के प्रति रूचि थी। उन्होंने संगीत की शिक्षा उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से हासिल की।

वर्ष 1965 में पाश्र्वगायक बनने की तमन्ना लिये जगजीत सिंह मुंबई आ गये। शुरूआती दौर में उन्हें विज्ञापन फिल्मों के लिये जिंगल गाने का अवसर मिला। इस दौरान उनकी मुलाकात  पाश्र्वगायिका चित्रा दत्ता से हुयी । वर्ष 1969 में जगजीत सिंह ने चित्रा से शादी कर ली। इसके बाद जगजीत-चित्रा की जोड़ी ने कई अलबमो में अपने जादुई पाश्र्वगायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

जगजीत सिंह ने प्राइवेट अलबम में  पाश्र्वगायन करने के अलावा कई फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। वर्ष 2003 में जगजीत सिंह को भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।अपनी गायकी से श्रोताओं के बीच अमिट छाप छोड़ने वाले जगजीत सिंह ने 10 अक्तूबर 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

जगजीत सिंह के गाये सुपरहिट गानो की लंबी फेहरिस्त में ‘होठो से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो,झुकी झुकी-सी नजर,तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो,तुमको देखा ता ये ख्याल आया.,ये तेरा घर ये मेरा घर,चिट्ठी ना कोई संदेश,होश वालो को खबर क्या आदि शामिल हैं।
 

वार्ता
मुंबई


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