जैव-विविधता : प्रकृति के साथ साझेदारी जरूरी

Last Updated 22 May 2025 04:12:08 PM IST

अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस हर साल 22 मई को मनाया जाता है। वर्ष 2025 की थीम है ‘योजना का हिस्सा बनें’।


दुनिया के 17 मेगा-जैव-विविधता वाले देशों में से एक भारत 45,000 से अधिक पौधों और 91,000 से अधिक पशु प्रजातियों का घर है, जिनमें से अनेक केवल यहीं पाई जाती हैं। हरियाणा में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं पूर्व आईयूसीएन प्रतिनिधि के रूप में मैं यह साझा करते हुए गर्व महसूस करता हूं कि भारत कैसे कुनिमंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव-विविधता रूपरेखा को अपना कर विश्व संरक्षण के प्रयासों में नेतृत्व कर रहा है।

वैश्विक रूपरेखा और भारत की रणनीति (जीबीएफ) में जैव-विविधता सम्मेलन के तहत अपनाई गई इस रूपरेखा में वर्ष 2030 तक पूरे होने वाले चार वैश्विक लक्ष्य और 23 बिंदु तय किए गए हैं। भारत इसे अपनी राष्ट्रीय जैव-विविधता रणनीति और कार्य योजना (एनबीएसएपी) में समाहित कर रहा है। इसमें टिकाऊ कृषि, जल सुरक्षा, जलवायु लचीलापन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण जैसे प्राथमिक लक्ष्य शामिल हैं। भारत 2030 लक्ष्य (30% स्थल और समुद्री क्षेत्रों का संरक्षण), जैविक संसाधनों तक न्यायसंगत पहुंच और वित्त पोषण बढ़ाने की दिशा में संकल्पित है। मनरेगा, नमामि गंगे, जल शक्ति अभियान, राष्ट्रीय बांस मिशन, पीएम कुसुम जैसी योजनाओं को जैव-विविधता के लक्ष्यों के साथ जोड़ा जा रहा है। हरियाणा में ‘अरावली ग्रीन वॉल परियोजना’ प्रेरणास्पद उदाहरण है, जहां वन विभाग, ग्रामीण विकास, पंचायती राज संस्थाओं और सीएसआर के सहयोग से देशी प्रजातियों के माध्यम से क्षरित परिदृश्य को पुनर्जीवित किया जा रहा है, जल पुनर्भरण बढ़ाया जा रहा है, और कार्बन अवशोषण को बल मिल रहा है। भारत की कृषि विरासत, जिसमें 160 से अधिक फसल प्रजातियां और हजारों जलवायु अनुकूल देशी किस्में शामिल हैं, को संरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय टिकाऊ कृषि मिशन, पारंपरिक कृषि विकास योजना और पौध आनुवंशिक संसाधन संरक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 

राज्य जैव-विविधता बोर्ड और 2.7 लाख से अधिक जैव-विविधता प्रबंधन समितियां (बीएमसी’ज) पंचायत स्तर पर पीपुल्स बायोडायर्वसटिी रजिस्टर (पीबीआर) तैयार कर रही हैं। 2.9 लाख से अधिक पीबीआर के साथ, भारत सामुदायिक आधारित जैव विविधता दस्तावेजीकरण में अग्रणी है। महाराष्ट्र, केरल और ओडिशा जैसे राज्यों में स्थानीय मछुआरे और तटीय समुदाय समुद्री जैव-विविधता की निगरानी, संरक्षण क्षेत्रों की स्थापना और पवित्र वनों के पुनरुद्धार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। जीबीएफ के लक्ष्य-2 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक 30% क्षरित पारिस्थितिकी तंत्रों की बहाली के लिए भारत वनों के परिदृश्य पुनर्स्थापन, आर्दभूमियों के पुनरु द्धार और मूंगे की चट्टानों के संरक्षण के प्रयासों को तेज कर रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम विस्तरीय उदाहरण है, जिसमें मत्स्य विविधता की निगरानी, कछुआ संरक्षण और नदी पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्स्थापना को एकीकृत किया गया है। राष्ट्रीय आर्दभूमि मिशन और मिश्टी जैसी योजनाएं आर्दभूमियों और मैन्ग्रोव जैसे संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्रों को संरक्षित कर रही हैं। भारत के प्रमुख वन्य जीव संरक्षण कार्यक्रम प्रोजेक्ट टाइगर, कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता पुनप्र्रवेश, पिंजौर (हरियाणा) में गिद्ध संरक्षण और गुजरात-हरियाणा में कृष्णमृग संरक्षण जैव-विविधता को बचाने के भारत के लक्षित प्रयासों को दर्शाते हैं।

युवा भारत के भावी संरक्षक हैं। नेशनल ग्रीन कॉर्प्स के अंतर्गत एक लाख से अधिक स्कूलों में इको-क्लब वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान और जैव-विविधता दस्तावेजीकरण जैसे कार्य में सक्रिय हैं। आईनेचुलरिस्ट इंडिया और इंडिया बायोडायवर्सिटी पोर्टल जैसे डिजिटल मंच नागरिकों को विज्ञान और जलवायु कार्रवाई से जोड़ रहे हैं। भारत ग्रीन बॉन्ड, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिए भुगतान और सीएसआर भागीदारी के माध्यम से जैव-विविधता वित्त पोषण में नवाचार ला रहा है। राष्ट्रीय सीएएमपीए प्राधिकरण क्षरित पारिस्थितिकी तंत्रों की पुनर्बहाली में कोष का उपयोग कर रही है, वहीं पहुंच और लाभ साझा करना (एबीएस) तंत्र सुनिश्चित करता है कि स्थानीय समुदाय जैविक संसाधनों से लाभ प्राप्त करें। वैश्विक स्तर पर भारत ग्लोबल बायोडायर्वसटिी फ्रेमवर्क फंड का नेतृत्व कर रहा है, और अफ्रीका, एशिया व लैटिन अमेरिका के देशों को सामुदायिक वानिकी और औषधीय पौधों के संरक्षण में मार्गदर्शन दे रहा है। ‘योजना का हिस्सा बनें’ नारा मात्र नहीं है, बल्कि उत्तरदायित्व है। जैव-विविधता को जलवायु कार्रवाई, स्वास्थ्य और सतत विकास से जोड़ते हुए भारत वैश्विक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। इस अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस पर आइए, मिल कर प्रकृति की रक्षा का संकल्प लें। क्या आप इस योजना का हिस्सा बनेंगे?

डॉ. विवेक सक्सेना


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment