केरल में खदान ढहने से फंसे मजदूर को बचाने के लिए शुरू हुए प्रयास

Last Updated 08 Jul 2025 02:03:17 PM IST

पथनमथिट्टा जिले में एक खदान स्थल पर भूस्खलन के बाद चट्टानों के नीचे फंसे एक श्रमिक को बचाने का अभियान मंगलवार सुबह पुन: शुरू हुआ।


केरल में खदान ढहने से फंसे मजदूर को बचाने के लिए शुरू हुए प्रयास

फिर से भूस्खलन होने के बाद सोमवार को बचाव अभियान रोक दिया गया था।

यहां कोन्नी के पास पय्यानामों में एक खदान स्थल पर भूस्खलन के बाद एक श्रमिक की मौत हो गई और दूसरा श्रमिक चट्टानों के नीचे फंसा हुआ है।

मंगलवार सुबह विशेष बचाव दल के चार सदस्य रस्सियों के सहारे दुर्घटना स्थल के पास खुदाई करने वाली मशीन की जांच करने के लिए नीचे उतरे। इसी स्थान पर नीचे श्रमिक के फंसे होने की आशंका है।

बचाव दल ने खुदाई करने वाली मशीन के ऊपर से कुछ छोटी चट्टानों को हाथ से हटाया और उसके बाद वह लोग वापस सुरक्षित स्थान पर चढ़ गए।

जिलाधिकारी प्रेम कृष्णन ने बताया कि बचावकर्मी वहां फंसी हुई खनन मशीन तक पहुंचे और ऐसी जगहों की तलाश की जहां से श्रमिक को रस्सियों के सहारे बाहर निकाला जा सके।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम करुणागप्पल्ली से 30 टन क्षमता वाली क्रेन मंगवा रहे हैं ताकि फंसी हुई खुदाई करने वाली मशीन को बाहर निकाला जा सके। इसके अलावा वैकल्पिक योजना के रूप में हम चट्टानों को हटाने के लिए अलाप्पुझा से एक बड़ी हिताची मशीन भी मंगवाने जा रहे हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि बचावकर्मी यह नहीं बता पा रहे हैं कि खुदाई करने वाली मशीन के केबिन के अंदर कोई है या नहीं, क्योंकि उसके ऊपर बहुत बड़ी चट्टानें थीं।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि घटनास्थल पर मौजूद बचाव कर्मियों के अनुसार, अब भी छोटे-छोटे पत्थर गिर रहे हैं, इसलिए वे अब हाथ से चट्टानों को हटाने का अभियान सीमित कर रहे हैं और अब से मशीनों की मदद से काम करेंगे।

घटना उस वक्त हुई जब खनन कार्य के दौरान अचानक चट्टान और मिट्टी का एक हिस्सा खुदाई करने वाली एक मशीन पर गिर गया।

दुर्घटना के समय ओडिशा के दो श्रमिक महादेव और अजय राय मशीन के अंदर थे। एक शव बरामद किया गया है, लेकिन अब तक पीड़ित की औपचारिक पहचान नहीं हो पाई है।

दोपहर के भोजन के बाद श्रमिक अपने काम पर लौटे ही थे कि चट्टानें गिरने लगीं।

कमांडर संजय सिंह मालसुनी के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 27 सदस्यीय विशेष टीम बचाव अभियान में मदद करने के लिए सोमवार को तिरुवल्ला से घटनास्थल पर पहुंची।

भाषा
पथनमथिट्टा (केरल)


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