IPL auction : पेस से रेस में सब पीछे छूटे

Last Updated 23 Dec 2023 01:32:33 PM IST

आईपीएल के अगले सत्र के लिए हुई मिनी नीलामी में ऑस्ट्रेलिया को आईसीसी विश्व कप जिताने वाले पेस गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने 24.75 करोड़ रुपये पाकर नया रिकॉर्ड बना दिया। उन्हें केकेआर ने खरीदा है।


IPL auction : पेस से रेस में सब पीछे छूटे

सही मायनों में इस बार पेस गेंदबाजों का जलवा रहा। हम इस नीलामी में सबसे ज्यादा पैसा पाने वाले टॉप पांच खिलाड़ियों की बात करें तो वे या तो पेस गेंदबाज हैं, या फिर पेस गेंदबाज ऑलराउंडर हैं। खास बात यह है कि ये सभी 10 करोड़ रुपये से ज्यादा पाने वाले हैं। इस बार फ्रेंचाइजियों के पेस गेंदबाजों पर जोर होने की वजह से बैटर्स और स्पिनर बोली लगने के मामले में पिछड़ गए।

यह बात आप ऑस्ट्रेलिया को अभी कुछ दिनों पहले आईसीसी विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले ट्रेविस हैड और न्यूजीलैंड के लिए इस आईसीसी प्रतियोगिता में तीन शतक जड़कर रन बनाने के मामले में टॉप पांच में रहने वाले रचिन रविंद्र पर लगी बोली से समझ सकते हैं। इन दोनों पर हर कोई पैसों की बारिश होने की उम्मीद कर रहा था पर दोनों ही 10 करोड़ रुपये की राशि को पार नहीं कर सके।

हैरत की बात यह है कि हाल में यूपी के साथ खेलकर अपना कॅरियर शुरू करने वाले समीर रिजवी इन दोनों से कहीं ज्यादा 8.4 करोड़ में सीएसके द्वारा खरीदे गए। असल में सभी टीमें अपने पेस आक्रमण को मजबूत करने के इरादे से आई थीं। इसके लिए रकम को बचाकर रखना चाहती थीं। इस कारण भी बल्लेबाज ऊंची रकम पाने में कामयाब नहीं रहे। बल्लेबाजों की बोली पहले सेट की बजाय पेस गेंदबाजों के बाद होती तो शायद उन्हें जो रकम मिली, उससे ज्यादा मिल सकती थी। पहले बोली लगने पर फ्रेंचाइजियों को अच्छे बल्लेबाजों को लेने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। इस बात को इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाज हैरी ब्रुक को दिल्ली केपिटल्स द्वारा मात्र चार करोड़ में खरीदने से समझा जा सकता है।

स्पिनरों की स्थिति तो बल्लेबाजों से भी गई गुजरी रही। यही वजह है कि मुजीब उर रहमान को केकेआर ने दो करोड़ में और वानिंदु हसरंगा को सनराइजर्स ने डेढ़ करोड़ में खरीद लिया। सवाल है कि फ्रेंचाइजियों ने पेस गेंदबाजों पर जोर क्यों दिया? इसकी वजह बाउंसर के नियम में बदलाव होने को माना जा सकता है। अब तक एक ओवर में एक बाउंसर फेंकने की अनुमति होती थी। इसकी वजह से किसी पेस गेंदबाज ने शुरुआत में बाउंसर फेंक दिया तो बल्लेबाज आस्त रहता था कि अब बाउंसर तो नहीं आने वाला। इससे बल्लेबाज पर खौफ हावी नहीं हो पाता था, लेकिन अगले सत्र में पेस गेंदबाजों को ओवर में दो बाउंसर फेंकने की अनुमति होगी। इससे आईपीएल में तेज गेंदबाजों की अहमियत बढ़ गई है।

पेस गेंदबाजी की जहां तक बात है तो टीमों का फोकस इस तरफ पहले भी रहा है। हम आईपीएल के पिछले सत्र की विजेता चेन्नई सुपरकिंग्स और उपविजेता गुजरात जायंट्स के प्रदर्शन को देखें तो दोनों टीमों की सफलता में पेसरों ने ही प्रमुख भूमिका निभाई। सीएसके के टॉप दो गेंदबाज तुषार देशपांडे और मथीशा पथिराना रहे। दोनों ने 19-19 विकेट निकाले। वहीं गुजरात जायंट्स के पेस गेंदबाज मोहम्मद शमी और मोहित शर्मा तो क्रमश: 28 और 27 विकेट लेकर पहले दो स्थानों पर रहे पर अब अगले सत्र में बाउंसर के बदले नियम का इस्तेमाल होने से टीमों के लिए पेस गेंदबाजों की अहमियत और बढ़ गई। यही वजह है कि इस बार नीलामी में कुल 230.45 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई, जिसमें से दो तिहाई राशि पेस गेंदबाजों या पेस गेंदबाज ऑलराउंडरों पर खर्च की गई। दस करोड़ रुपये से ज्यादा पाने वाले सारे पेस गेंदबाज या पेस गेंदबाज ऑलराउंडर हैं।

मिचेल स्टार्क के बाद पैट कमिंस (20.50 करोड़ रुपये), हर्षल पटेल (11.75 करोड़), अल्जारी जोसफ (11.5 करोड़) और स्पेंशर जॉनसन (10 करोड़ रुपये) सबसे महंगे हैं। इनके बीच डेरिल मिचेल इकलौते हैं, जो 14 करोड़ रुपये पा गए पर वह बेहतरीन बल्लेबाज के साथ-साथ मध्यम तेज गेंदबाजी भी करते हैं। यह सही है कि ट्रेविस हेड और रचिन रविंद्र जैसे बेहतरीन बल्लेबाज भले ही इस नीलामी में ऊंची रकम नहीं पा सके हैं पर कहावत-चमत्कार को नमस्कार-आईपीएल में भी लागू होती है। वैसे भी आईपीएल में हर बार खिलाड़ियों पर लगाई जाने वाली बोली में इजाफा हो रहा है। आईपीएल की जब 2008 में शुरुआत हुई थी, उस समय महेंद्र सिंह धोनी 9.5 करोड़ पाकर सबसे महंगे थे। यह राशि 2023 आने तक 24.75 करोड़ तक पहुंच गई। इस अवधि में केविन पीटरसन, गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे बल्लेबाज सबसे महंगे खिलाड़ी बने, इसलिए ट्रेविस हेड और रचिन की किस्मत भी चमक सकती है।

मनोज चतुर्वेदी


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