ट्विटर सौदा : कथनी करनी पर नजर
सोशल मीडिया प्लेटफार्म और डिजिटल स्पेस कितना अहम हो गया है इसका अंदाजा ट्विटर की डील से दुनिया को हो गया है।
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टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण कर लिया है। एलन मस्क ने अप्रैल 2022 में ही ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया था। लेकिन ऐलान के बाद इस डील में कई उतार चढ़ाव आए, मामला कोर्ट में भी गया था। आखिरकार ट्विटर को एलन मस्क ने खरीद ही लिया। ट्विटर का मालिक बनते ही दुनिया के सबसे अमीर शख्स मस्क ने ट्वीट कर कहा चिड़िया मुक्त हो गई, इस ट्वीट के कई मायनें हैं।
मस्क ने कहा है कि वह इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर का अधिग्रहण मानवता की सहायता करने के लिए कर रहे हैं। साथ ही वह नहीं चाहते कि इसका उपयोग ऐसे लोग करें जो बोलने से पहले उसके परिणामों के बारे में नहीं सोचते। कभी ट्विटर डील से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रहे मस्क अब खुलकर ट्विटर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए दिख रहे हैं। अधिग्रहण के तुरंत बाद सिंक के साथ ट्विटर के ऑफिस में कदम रखने वाले मस्क ने संकेत दे दिया कि वो बड़े बदलाव करने जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर को प्रयोग करने के लिए अब पैसे भी देने पड़ सकतें हैं। इसके साथ ट्विटर की कई पॉलिसीज में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
13 अप्रैल 2022 को मस्क ने ट्विटर खरीदने को 54.2 डालर प्रति शेयर के भाव से 44 अरब डालर में खरीदने का आफर दिया था। लेकिन तब स्पैम और फेक अकाउंट्स की वजह से उन्होंने उस डील को होल्ड पर रख दिया था। इसके बाद 8 जुलाई को मस्क ने डील तोड़ने का फैसला किया। इसके खिलाफ ट्विटर ने कोर्ट का रु ख किया। लेकिन फिर अक्टूबर महीने की शुरु आत में मस्क ने अपना रु ख बदला और डील को पूरी करने के लिए तैयार हो गए। मस्क ने ट्वीट कर कहा कि हमने ट्विटर से डील इसलिए भी की है, ताकि आने वाली पीढ़ी को कॉमन डिजिटल स्पेस मिल सके। यहां कई विचारधारा के लोग किसी भी तरह की हिंसा के बिना स्वस्थ चर्चा कर सकें। मस्क की आशंका थी कि आगे चलकर इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स लेफ्ट और राइट विंग के समर्थकों के बीच बंट जाएगा, इससे नफरत फैलेगी।
असल में मस्क एक ऐसी एल्गोरिदम बनाना चाहते हैं जिससे ट्विटर पर मौजूद सार्वजनिक सामग्री बेहतर रूप में दिख सके। मस्क ट्विटर पर स्पैम बॉट्स को हटाना चाहते हैं। हालांकि मस्क ने अभी तक अपने कार्ययोजना को लेकर कोई खास जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। मस्क के अनुसार उन्होंने अधिक पैसा बनाने के लिए ट्विटर नहीं खरीदा बल्कि मानवता की मदद करने की कोशिश करने के लिए, यह अधिग्रहण सौदा किया है। लेकिन दूसरी तरफ मस्क ने साफ कर दिया है कि उनकी योजना कंपनी के कर्मचारियों में कटौती करने की है। जिससे ट्विटर के लगभग 7,500 कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा।
फिलिहाल ट्विटर में छंटनी और इस्तीफों का दौर जारी है। उन्होंने ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और कानूनी मामलों और नीति प्रमुख विजया गड्डे को बाहर का रास्ता दिखाया। मस्क ने आरोप लगाया कि अग्रवाल समेत कई शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खातों की संख्या को लेकर गुमराह करने की कोशिश की। पराग अग्रवाल को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था। पिछले साल ट्विटर के सीईओ नियुक्त किए गए अग्रवाल की मस्क के साथ सार्वजनिक और निजी रूप से कहासुनी हो गई थी। मस्क ने ‘कंटेंट मॉडरेशन’ (ऑनलाइन सामग्री की निगरानी और छंटनी की प्रक्रिया) को लेकर हुए निर्णयों के मामले में पराग की भूमिका की भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी।
असल में पिछले कुछ समय से दुनियां धुर दक्षिणपंथी और वामपंथी धड़ों के बीच बंट गई हैं। मस्क ने कहा, ‘सभ्यताओं के विकास के लिए एक साझा प्लेटफार्म होना जरूरी है, जहां हिंसा का सहारा लिए बिना स्वस्थ तरीके से सभी लोग अपनी बात रख सकें। वर्तमान में एक नए तरीके का खतरा उत्पन्न हो गया है। इंटरनेट मीडिया धुर दक्षिणपंथी और वामपंथी धड़ों में बंट गया है। दोनों तरह के अतिवादी विचार ना केवल समाज को विभाजित करने का काम करते हैं बल्कि घृणा फैलाते हैं। मस्क ने ट्विटर के विज्ञापनदाताओं से कहा कि वह चाहत हैं कि ट्विटर ‘दुनिया का सबसे सम्मानित विज्ञापन मंच’ बने। उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा प्लेटफार्म बने, जहां पर सभी का स्वागत हो और सभी को अपनी बात रखने की आजादी हो।
ट्विटर के अधिग्रहण के बाद भारत के आईटी व सूचना प्रद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि देश को उम्मीद है कि ट्विटर भारत में नए आईटी नियमों का पालन करेगा। चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर का मालिक बदलने की परवाह नहीं है। भारत में अपना कानून है, यहां सभी को कानून का पालन करना पड़ेगा। उन्होंने कुछ भारतीयों के ट्विटर अकाउंट बैन के संबंध में कहा कि जल्द ही इस संबंध में नया आईटी नियम लागू किया जाएगा, जिसका सभी को पालन करना पड़ेगा। पिछले दिनों जुलाई 2022 में भारत सरकार ने ट्विटर को कुछ आपत्तिजनक सामाग्री हटाने के लिए कहा था, इसे लेकर मामला कोर्ट में गया था।
कोर्ट में ट्विटर के अधिकारी ने कुछ सामाग्री हटाने पर सहमत भी हुए थे। पिछले दो वर्षो में भारत सरकार ने ट्विटर से स्वतंत्र सिख राज्य बनाने, किसानों के विरोध के बारे में गलत सूचना फैलाने, कोविड महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को गलत अथरे में फैलाने जैसे तथ्यों को हटाने का अनुरोध किया था। सरकार और ट्वीटर के बीच काफी समय से कई मुद्दों पर तकरार चल रही है अब इस नए अधिग्रहण के बाद ट्वीटर का क्या रूख रहता है ये समय बताएगा। इस डील के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्विटर पर वापसी होगी या नहीं साथ ही ट्विटर लेफ्ट और राईट के विचारों के बीच कैसे सामंजस्य बिठाएगा ये आगे आने वाला समय बताएगा।
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