‘नया सवेरा’ : जगमग हो रहा मुस्लिम छात्रों का जीवन

Last Updated 01 Jun 2022 01:40:42 AM IST

खेल सवेरा’ योजना से अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुसलमानों के शैक्षणिक स्तर में बहुत सुधार हो रहा है, और वे रोजगार और दाखिले के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में निखर कर सामने आ रहे हैं।


‘नया सवेरा’ : जगमग हो रहा मुस्लिम छात्रों का जीवन

इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को सशक्त बनाना और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है, ताकि सरकारी और निजी नौकरियों में उनकी भागीदारी में सुधार हो। यह योजना चयनित कोचिंग संस्थानों में अधिसूचित अल्पसंख्यक छात्रों को मुफ्त कोचिंग के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
इस योजना के तहत सरकार अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाना चाहती है, जो समाज के अपेक्षाकृत वंचित वर्ग के साथ-साथ उनके लिए काम कर रहे संस्थानों की सहायता करके, उद्योगों, सेवाओं और व्यावसायिक क्षेत्रों में रोजगार योग्य बनाने के लिए उनके कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में सहायता करते हैं। भारत सरकार चाहती है कि निरंतर आधार पर खुद को बाजार की गतिशीलता के अनुकूल बनाने के लिए जरूरी लोच विद्यार्थियों में विकसित हो ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों और बदलती-उभरती बाजार की जरूरतों और रोजगार के अवसरों की मांग के हिसाब से वे खुद को तैयार कर सकें। चयनित कोचिंग संस्थानों को तीन वर्ष का अनुभव और कम से कम 100 विद्यार्थियों का नामांकन होना चाहिए। यह रिकॉर्ड योजना में आवेदन के समय होना जरूरी है।
पिछले तीन वित्त वर्ष में 1,96,81,133 छात्रवृत्तियां (प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मेरिट-कम-मीन्स आधारित छात्रवृत्ति योजनाएं और बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना) स्वीकृत की गई, और नया सवेरा योजना के तहत 30,117 उम्मीदवारों को लाभान्वित किया गया है। पिछले तीन वर्षो और चालू वर्ष के दौरान छात्रवृत्ति योजनाओं, मुफ्त कोचिंग और संबद्ध योजना के तहत लाभान्वित अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों का राज्यवार विवरण देखें तो दिलचस्प आंकड़े देखने को मिलते हैं। मुस्लिम आबादी के हिसाब से भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को इसका सबसे अधिक लाभ मिला है। उत्तर प्रदेश के 9040 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं। 

कर्नाटक के 2899, महाराष्ट्र के 2880, प. बंगाल के 2380, मध्य प्रदेश के 2260, आंध्र प्रदेश के 1700, गुजरात के 1550, केरल के 1230, राजस्थान के 1150, पंजाब के 1000, हरियाणा के 950, छत्तीसगढ़ एवं तमिलनाड़ु प्रत्येक के 400, दिल्ली के 378, झारखंड के 360, मणिपुर के 350, चंडीगढ़ के 340, मेघालय के 300, बिहार व जम्मू- कश्मीर में प्रत्येक के 200 और असम के 150 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।
 सबसे अधिक धन भी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को मिला जो 26 लाख रुपये से अधिक है जबकि इसके  बाद महाराष्ट्र में 23 लाख रु पये से अधिक का वजीफा बांटा गया। ‘नया सवेरा’ योजना से जुड़ने के लिए संस्थानों के पास अपने वेतन रोल या अंशकालिक आधार पर आवश्यक संख्या में योग्य संकाय सदस्य होने चाहिए। आवेदित पाठ्यक्रमों में कोचिंग कक्षाएं चलाने के लिए संस्थानों के पास परिसर, पुस्तकालय, अपेक्षित उपकरण आदि जैसी आवश्यक अवसंरचना भी होनी चाहिए। ‘नया सवेरा’ योजना में उन्हीं कोचिंग संस्थानों के लिए आवेदन योग्य माना जाता है जो न्यूनतम सफलता दर 15% के साथ काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान तमिलनाडु राज्य सहित देश भर में 130 पीआईए को सूचीबद्ध किया था। पात्र छात्र इस योजना के तहत पैनल में शामिल किसी भी पीआईए से योजना का लाभ उठा सकते हैं, चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान नया सवेरा योजनान्तर्गत 5140 अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करने के लिए 37 पीआईए को आवंटन दिया गया है।
लोक सभा में एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 3 फरवरी, 2022 को सदन में बताया था कि ‘नया सवेरा’ योजना सभी सूचीबद्ध अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए है। यह ग्रुप ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ सेवा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए है। लोक सेवा आयोग, रेलवे, बैंक, बीमा और भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं के जरिए रोजगार की तैयारी कर रहे नौजवानों को इस योजना का लाभ देना ही सरकार का लक्ष्य है।
दाखिले के लिए तैयारी कर रहे विद्यार्थी भी योजना का लाभ उठा सकते हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत कई व्यावसायिक शिक्षा देने वाले संस्थानों में दाखिले के लिए  तैयारी कर रहे विद्यार्थी भी ‘नया सवेरा’ योजना से लाभ उठा रहे हैं। मंत्री ने बताया था कि किसी भी पैनल पीआईए के माध्यम से कोचिंग संस्थान से कोचिंग लेकर विद्यार्थी इसका लाभ ले सकते हैं। कोई भी गैर सरकारी संगठन इसमें आवेदन दे सकता है। बता दें कि आवेदन देने वाली संस्थाओं के लिए न्यूनतम अहर्ता ऊपर लिख दी गई है। ‘नया सवेरा’ नई किरण का उद्घोष होता है। इस योजना से लाभान्वित खासकर मुसलमान युवा उम्मीद की नई किरण के साथ योजना की सफलता की कहानी आप कह रहे हैं।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन हैं)

डॉ. शुजाअत अली कादरी


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