क्रिकेट : सपना साकार करने का आखिरी मौका

Last Updated 04 Mar 2022 12:16:56 AM IST

भारतीय महिला कप्तान मिताली राज का यह रिकॉर्ड छठा और संभवत: आखिरी आईसीसी महिला विश्व कप है।


क्रिकेट : सपना साकार करने का आखिरी मौका

हर क्रिकेटर अपने कॅरियर में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बनना चाहता है और मिताली राज का भी यही सपना है। वह 2017 में अपने इस सपने का साकार करने के काफी करीब पहुंच गई थीं, लेकिन स्मृति मंधाना के फाइनल में नहीं चल पाने के कारण भारत को इंग्लैंड के खिलाफ नौ रन से हारकर मायूस होना पड़ा था। इस बार भारत की उम्मीदें स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत पर निर्भर रहने वाली हैं। दोनों ही न्यूजीलैंड जाने के बाद से मुश्किल दौर से गुजर रहीं थीं। अच्छी बात यह है कि दोनों ही विश्व कप शुरू होने से ठीक पहले टीम के लिए जलवे बिखेरने को तैयार हैं।
मंधाना न्यूजीलैंड के कड़े क्वारंटीन नियमों की वजह से न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच के अलावा तीन वनडे मैच नहीं खेल सकीं थीं। इससे निजात मिलने के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वार्म अप मैच में हेलमेट में गेंद लगने से कान में मामूली चोट का शिकार बन गई, लेकिन इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ वार्म अप मैच में उनके 67 गेंद में 66 रन बनाने से भारतीय खेमे में खुशी लौट आई है। वहीं भारतीय उप कप्तान हरमनप्रीत कौर पिछले काफी समय से बल्ले से रन नहीं निकलने की वजह से आत्मविश्वास की कमी महसूस करने लगीं थीं। इस दौरे पर उन्होंने अपनी समस्या टीम के साथ जुड़ी खेल मनोवैज्ञानिक डाक्टर मुग्धा बवारे को बताई और वह उन्हें इस समस्या से बाहर निकालने में सफल रही हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले तीन वनडे मैचों में 10, 10, 13 रन बनाने के बाद चौथे में 63 रन बनाकर रंगत में आने का एलान कर दिया।

हम सभी जानते हैं कि स्मृति और हरमनप्रीत के अलावा कप्तान मिताली राज और तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी भारतीय टीम की स्तंभ हैं। भारत यदि महिला वर्ग में पहली बार आईसीसी ट्रॉफी जीतना चाहता है तो इस चौकड़ी का चलना बेहद जरूरी है। मिताली ने अब तक खेले 31 विश्व कप मैचों में 54.23 के औसत से 1139 रन बनाए हैं। वह यदि इस विश्व कप में 363 रन बना लें तो न्यूजीलैंड की डेबी हॉकले के 1501 रन के विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर इसे अपने नाम कर सकतीं हैं। वहीं झूलन गोस्वामी 28 मैचों में 36 विकेट लेकर अभी चौथे स्थान पर हैं। वह यदि इस विश्व कप में चार विकेट निकालती हैं तो वह लिन फुलस्टन के 39 विकेट के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ देंगी। इस विश्व कप में भारतीय चुनौती को आगे बढ़ाने में शेफाली वर्मा भी अहम भूमिका निभा सकती हैं। इस 18 वर्षीय बैटर को सहवाग के अंदाज में खेलने वाला माना जाता है। वैसे तो उनका साल 2021 अच्छा बीता है। टी-20 में तो वह कुछ माह नंबर वन रैंकिंग पर भी रही हैं। पर उनकी दिक्कत प्रदर्शन में  एकरूपता  नहीं रख पाना है। उन्होंने 11 वनडे मैचों में 260 रन बनाए हैं। हां, इतना जरूर है कि जिस मैच में उनका बल्ला चल जाएगा, वह भारत के पक्ष में मुड़ सकता है। भारत को विजेता बनने के लिए यह सीखना होगा कि फाइनल में कैसे संयमित रहकर प्रदर्शन किया जाए। भारत के 2017 के विश्व कप के फाइनल में हारने के बाद 2020 में टी-20 विश्व कप के फाइनल में भी चुनौती पेश की। भारत ने लीग चरण में जिस ऑस्ट्रेलिया को हराया था, उससे फाइनल में बुरी तरह से हार गई। इसलिए टीम की दिग्गज खिलाड़ियों को महत्त्वपूर्ण मैचों में धड़कनों को काबू रखना ही होगा। भारतीय टीम पिछले काफी समय से न्यूजीलैंड में खेलकर वहां के माहौल से अच्छे से वाकिफ हो चुकी है। साथ ही न्यूजीलैंड के साथ सीरीज खेलने का भी उसे फायदा जरूर मिलेगा। यहां तक खिताब दावेदार की बात है तो पहला नाम ऑस्ट्रेलिया का ही आता है। असल में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में शुमार होती है। अब तक हुए 11 विश्व कपों में इन दोनों का दबदबा भी नजर आता है। ऑस्ट्रेलिया छह खिताब जीतकर सबसे आगे है तो इंग्लैंड को चार बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल है। तीसरी चैंपियन बनने वाली टीम न्यूजीलैंड है। पर उसे चैंपियन बने 22 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस बार घर में विश्व कप होने से न्यूजीलैंड के दावे को किसी से भी कम नहीं माना जा सकता है। वह अभ्यास मैच में ऑस्ट्रेलिया को नौ विकेट से हराकर यह दिखा भी चुकी है। यहां तक इंग्लैंड की बात है तो पिछले कुछ विश्व कपों में उसका प्रदर्शन शानदार रहा है। वह पिछली चैंपियन तो है ही साथ ही पिछले चार विश्व कपों में से दो को उसे जीतने का गौरव हासिल है।
इस बार भाग लेने वाली आठ टीमों ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज और बांग्लादेश को एक ही ग्रुप में रखा गया। सभी टीमें एक-दूसरे से खेलेंगी। भारत छह मार्च को पाकिस्तान से खेलकर अपना अभियान शुरू करेगा। वहीं चार मार्च को न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच उद्घाटन मैच खेला जाएगा। भारत को यदि 30 और 31 मार्च को खेले जाने वाले सेमीफाइनलों में स्थान बनाना है तो ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में से कम-से-कम एक टीम को फतह करना ही होगा। भारत ने पिछली बार ऑस्ट्रेलिया को सेममीफाइनल में जिस तरह हराया था, वैसा प्रदर्शन दोहराया तो वह चैंपियन बनने की भी सोच सकता है।

मनोज चतुर्वेदी


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