डिजिटल पहलू : राह हो रही आसान

Last Updated 08 Feb 2022 12:06:59 AM IST

हमारे देश में आमतौर पर आम बजट आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की आर्थिक नीतियों और योजनाओं का घोषणापत्र माना जाता है।


डिजिटल पहलू : राह हो रही आसान

उसी तर्ज पर इस बजट में सरकार की आर्थिक योजनाओं का स्पष्ट विवरण मिलता है। जाहिर है, तकनीक का उपयोग आय बढ़ाने से लेकर समस्याओं के समाधान तक के लिए किया जा रहा है, जहां तकनीक पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी व्यापार से अच्छे कर संग्रहण की उम्मीद है वहीं बढ़ती बेरोजगारी जैसी राष्ट्रीय समस्या की रोकथाम के लिए भी तकनीक का उपयोग कर आभासी कौशल ई-प्रयोगशालाएं बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग इत्यादि मूल सेवाओं के अलावा फिनटेक, ड्रोन सेवा, भूमि अभिलेख प्रबंधन सहित अधिकांश सुविधाओं को डिजिटल बनाने की सरकार की स्पष्ट योजना है ।
शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिससे उच्च शिक्षा देश के कोने-कोने तक सुलभ तौर पर उपलब्ध हो पाएगी। कोरोना महामारी के दौरान स्कूल बंद होने से ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के बच्चों की शिक्षा बाधित होती रही है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के अनुसार, 15 लाख स्कूलों के बंद होने से प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित 24.7 करोड़ बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ा है। बजट में पीएम ई-विद्या योजना के तहत प्रस्तावित ‘वन क्लास-वन टीवी चैनल‘ कार्यक्रम, कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए स्थानीय भाषा में पूरक शिक्षा प्रदान करेगा, जिससे समाज के पिछड़े तबके के बच्चों की शिक्षा सुचारू रूप से चलती रहेगी। उच्च गुणवत्ता वाली ई-सामग्री और पाठ्यक्रम विकसित कर इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो के माध्यम से सभी बोली जाने वाली भाषाओं में प्रसारित की जाएगी। यही नहीं विज्ञान और गणित में ।50 वर्चुअल प्रयोगशालाएं, और कौशल विकास के लिए ।5 ई-प्रयोगशालाएं वर्ष 2022-23 में स्थापित की जानी हैं।

हर स्तर पर डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने से शिक्षण और प्रशिक्षण में नवीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुला मंच विकसित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रदाताओं का डिजिटल पंजीकरण करने के अलावा नागरिकों को विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान प्रदान कर स्वास्थ्य सुविधाओं को सर्वसुलभ बनाया जाएगा। इसके अलावा, महामारी के दौरान बढ़े मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम विकसित किया जाएगा। तकनीक के इस्तेमाल से पुराने आंगनबाड़ी को नई पीढ़ी की सक्षम आंगनबाड़ी में प्रोन्नत किया जाएगा। सक्षम आंगनबाड़ी स्वच्छ ऊर्जा से संचालित होकर प्रारंभिक बाल विकास के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करेंगे। उद्यम और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड’ जिसको ‘देश स्टैक ई-पोर्टल’ के नाम से जाना जाएगा, को शुरू करने की योजना है। ‘देश स्टैक ई-पोर्टल’ प्रशिक्षण, उन्नयन और कौशल में सुधार कर उद्यमियों और कामगारों को सशक्त बनाने के साथ विसनीय एपीआई-आधारित क्रेडेंशियल, भुगतान और प्रकटीकरण परतें भी प्रदान करेगा जो देश में व्यवसाय और रोजगार के नये अवसर उत्पन्न करेगा। उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस इत्यादि पोर्टलों को जोड़कर उनका दायरा बढ़ाया जाएगा, ताकि लाइव और नवीनतम डेटाबेस प्रदान कर विभिन्न सेवाओं को फायदा पहुंचाया जा सके। बजट 2022 की घोषणा के अनुसार, ड्रोन-एज -ए-सर्विस के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई में, ड्रोन स्किलिंग के लिए आवश्यक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। ड्रोन शक्ति और किसान ड्रोन जमीनी स्तर पर ड्रोन तकनीक की बढ़ावा देंगे, जिससे उद्योग के नये रास्ते खुलेंगे। एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) प्रमोशन टास्क फोर्स स्थापित कर इस क्षेत्र में उपलब्ध वैश्विक अवसरों का विश्लेषण कर रोजगार के नये अवसरों को विकसित किया जाएगा।
पिछले कुछ वित्तीय वर्षो में आधारभूत क्षेत्रों के विकास में तकनीक के सफल प्रयोग से उत्साहित सरकार की वर्ष 2022 के बजट में भी तकनीक के बेहतर उपयोग की योजना है। डिजिटलीकरण और तकनीकीकरण से सिर्फ पारदर्शिता ही नहीं बढ़ती बल्कि सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ ज्यादा नागरिकों तक पहुंच पाता है। आईटी ब्रिज के माध्यम से केंद्रीय और राज्य-स्तरीय प्रणालियों की मैनुअल प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण एवं एकीकरण कर सभी नागरिक-केंद्रित सेवाओं के लिए एकल बिंदु को प्रोत्साहित किया जाएगा। भूमि रिकॉर्ड के आईटी-आधारित प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्यों से विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या लागू कराने की योजना है। वित्त मंत्री ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों में खरीद के लिए पूरी तरह से पेपरलेस, ऑनलाइन ई-बिल सिस्टम शुरू करने का प्रस्ताव रखा। यह प्रणाली आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों को डिजिटल हस्ताक्षरित बिलों को ऑनलाइन जमा करने और स्थिति को ट्रैक करने में सक्षम बनाएगी।

प्रभात सिन्हा


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