सरोकार : अमीर औरतों के लिए महामारी भी बहार बनकर आई

Last Updated 06 Mar 2021 11:37:11 PM IST

क्या कोविड-19 महामारी किसी के लिए अच्छी खबर भी लेकर आई है? हैरानी की बात है, लेकिन अमेरिका में सिंगल औरतों के लिए यह समय इतना बुरा भी नहीं रहा।


सरोकार : अमीर औरतों के लिए महामारी भी बहार बनकर आई

वहां की रियल एस्टेट कंपनी रेडफिन की एक रिपोर्ट बताती है कि इस महामारी के दौरान सिंगल औरतों के लिए अपना घर खरीदना बहुत आसान रहा, और उन्होंने बड़ी संख्या में घर खरीदे भी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की चौथी तिमाही में अमेरिकी औरतों ने 8.7 फीसद अधिक घर खरीदे। इसके मुकाबले सिंगल आदमियों ने इस अवधि में 4.6 फीसद घर खरीदे। हां, घर खरीदने वाली सिंगल औरतों की दर अब भी 15 फीसद ही है, और सिंगल आदमियों की दर 18 फीसद। सबसे ज्यादा कपल्स घर खरीदते हैं, जोकि करीब-करीब 49 फीसद है।
अब सिंगल औरतें इस दौर में घर कैसे खरीद रही हैं, यह थोड़ा हैरान जरूर करता है। कोविड-19 की वजह से बाजार में मंदी आई है, और बताया जा रहा है कि इसका औरतों पर बहुत असर पड़ा है। अमेरिका में खासकर ब्लैक और लैटिन औरतों पर। अर्थव्यवस्था के जिन क्षेत्रों, जैसे हॉस्पिटैलिटी, शिक्षा, मनोरंजन, पर्यटन वगैरह, में औरतों की संख्या ज्यादा है, उन पर सबसे ज्यादा असर हुआ है। महामारी की वजह से छोटे बच्चों वाली औरतों की नौकरियां छूटी हैं। हां, अमीर लोगों की आर्थिक स्थिति कोविड-19 के दौरान बेहतर हुई है। होम लोन की ब्याज दरों का कम होना, बाहर खाने या घूमने पर कम खर्च और अधिक बचत और वर्क फ्रॉम होम के चलते महामारी के समय भी घर खरीदना आसान हुआ। इसका फायदा उच्च आय वाली औरतों ने भी उठाया है।

रिपोर्ट बताती है कि बॉस्टन मेट्रो एरिया में ऐसे सबसे ज्यादा घर हैं, जिन्हें सिंगल औरतों ने 2020 में खरीदा है। यहां की आधे से ज्यादा औरतों के पास कॉलेज की एडवांस डिग्री है और उनमें ज्यादातर औरतों के पास अच्छी नौकरियां हैं। अब मंदी के दौरान निम्न आय वाली औरतों की तो नौकरियां छूट गई लेकिन जिनके पास पहले से दौलत थी, वे इस बात के लिए प्रोत्साहित हुई कि उन्हें घर खरीद लेना चाहिए। रेडफिन की रिपोर्ट यह खुलासा करती है। वैसे यह स्थिति भारत में भी पैदा हुई है। हां, यहां सिंगल औरतें ही नहीं, सभी अमीर औरतें घर खरीदने में तेजी दिखा रही हैं। एनारॉक नामक रियल एस्टेट सर्विस कंपनी का कहना है कि कोविड-19 के बाद औरतें रियल एस्टेट में दिलचस्पी दिखा रही हैं। उनमें से 82 फीसद अपने रहने के लिए और 18 फीसद निवेश के लिए मकान खरीदेंगी। बेशक, यह पूंजीवाद की असमान वित्तीय बहाली है। यह पूरी दुनिया का हाल है। लॉकडाउन के दौरान भारत में अरबपतियों की दौलत 35 फीसद बढ़ी। ऑक्सफेम की ‘इनइक्वालिटी वायर रिपोर्ट’ में यह कहा गया है। यह भी कहा गया है कि टॉप 100 अरबपतियों के पास इतना पैसा है कि वे देश के 13 करोड़ 80 लाख गरीब लोगों में से हरेक को 94,045 रुपये दे सकते थे। इस बहती गंगा में अमीर औरतों की भी पौ बारह रही। भारत में फार्मा सेक्टर ने खूब कमाया। बायकन की मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ किरण मजूमदार शॉ भारत में दूसरी सबसे अमीर औरत हैं। कोविड-19 के दौरान उनकी दौलत लगभग दोगुनी हो गई। उनके बाद यूएसवी की लीना गांधी तिवारी और डिवी लेबोरेट्रीज की नीलिमा मोटापत्री का नाम आता है। इन तीनों महिलाओं की कुल नेटवर्थ 76,520 करोड़ रुपये है। महामारी ने किसी को सड़कों और रेल की पटरियों पर चलाया, तो कोई तिजोरियां भरता रहा।

माशा


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