छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में बांग्लादेशी महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

|
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों को 2020 में भी इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी/रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने तथा उन्हें वापस भेजने के लिए दुर्ग जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार 16 मई को जानकारी मिली कि सुपेला थाना क्षेत्र के एक मकान में एक संदिग्ध बांग्लादेशी महिला और उसका पति अपनी मूल पहचान छिपाते हुए ज्योति और रासेल शेख के नाम से रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्राप्त सूचना के बाद जब पुलिस दल ने बांग्लादेशी दंपति से पूछताछ की तब उन्होंने अपना नाम ज्योति और रासेल शेख बताया। आरोपियों ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के उत्तर-24 परगना जिले के निवासी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान दंपति ने जानकारी दी कि वह 2009 से 2017 तक नवी मुंबई ठाणे में रहते थे तथा 2017 से वह दुर्ग जिले के भिलाई में रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दंपति ने जब अपना आधार कार्ड दिखाया तब वह संदेहास्पद लगा। जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तब महिला ने अपना नाम शाहिदा खातून (35) और उसके पति ने अपना नाम मोहम्मद रासेल शेख (36) बताया।
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान दोनों ने जानकारी दी कि वह बांग्लादेश के जेस्सोर जिले के निवासी हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान जानकारी मिली कि बांग्लादेशी महिला शाहिदा खातून ने 2009 में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बोंगा बॉर्डर से अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया तथा वहां से हावड़ा होते हुए वह मुंबई पहुंच गई। मुंबई में वह मजदूरी करने लगी।
अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में उसका परिचय बांग्लादेश के निवासी मोहम्मद रासेल से हुआ और दोनों मुंबई से वापस बांग्लादेश चले गए। वहां शाहिदा खातून ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया और रासेल से शादी कर ली।
उन्होंने बताया कि शादी के बाद दोनों ने 2017 में पासपोर्ट और भारतीय वीजा पर भारत में प्रवेश किया। महिला ज्योति रासेल शेख की वीजा अवधि 13 सितंबर 2018 में तथा रासेल शेख की वीजा अवधि 12 अप्रैल 2020 में समाप्त हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने ठाणे में रहते हुए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर जन्मतिथि और अपने वास्तविक नाम को छिपाते हुए ज्योति रासेल शेख और रासेल शेख के नाम से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार कर लिया। बाद में वह भिलाई में आकर रहने लगे।
उन्होंने बताया कि 2020 में बगैर कानूनी दस्तावेज के भारत में रहते हुए पाए जाने के बाद पुलिस ने महिला और उसके पति के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अधिकारियों ने बताया कि यह मामला अदालत में चल रहा है इसलिए दोनों को वापस बांग्लादेश नहीं भेजा गया था।
पुलिस ने बताया कि 2018 में रासेल शेख के खिलाफ जिले के छावनी थाना क्षेत्र में लूट का मामला भी दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भिलाई में फर्जी पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र बनवाया और विभिन्न बैंकों में खाता भी खुलवाया।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अवैध रूप से भारत में निवास करने तथा बांग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागरिक सिद्ध करने के आरोप में विदेशी विषयक अधिनियम 1946, पासपोर्ट अधिनियम 1967, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि 14 मई को दुर्ग जिले की पुलिस ने अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में बांग्लादेशी महिला अंजली सिंह उर्फ काकोली घोष को गिरफ्तार किया था।
| | |
 |