बतंगड़ बेतुक : कोरोनाकाल में हमारा नंग नाच

Last Updated 26 Jul 2020 01:28:06 AM IST

झल्लन आया, थोड़ा झुंझलाया, थोड़ा झल्लाया, फिर बोला, ‘ददाजू, समझ में नहीं आता क्या करें, कहां जायें, इस कड़ी खाये कोरोना से कैसे पार पायें?


बतंगड़ बेतुक : कोरोनाकाल में हमारा नंग नाच

 हमने कहा, ‘काहे दुखी हो रहा है, कोरोनाकाल में तेरे साथ कौन सा अनोखा हो रहा है, जो सबके साथ हो रहा है वो तेरे साथ भी हो रहा है। जैसे सब पार पाएंगे वैसे तू भी पार पाएगा, बुरा वक्त है धीरे-धीरे निकल जाएगा।’ वह बोला, ‘ददाजू, हमें नहीं लगता यह बुरा वक्त आसानी से निकल जाएगा, हमें तो लगता है यह सबको निगल जाएगा।’ हमने कहा, ‘देख झल्लन, बड़ी-बड़ी आपदाएं आती हैं पर निकल जाती हैं। थोड़ा बहुत नुकसान जरूर कर जाती हैं पर इंसान का ज्यादा नहीं बिगाड़ पाती हैं।’
वह बोला, ‘हम आपसे सहमत नहीं है ददाजू, आप देख लीजिएगा यह आपदा बहुत ज्यादा बिगाड़ जाएगी, करोड़ों इंसानों को उजाड़ जाएगी।’ हमने कहा, ‘तू ज्यादा ही निराशावादी हो रहा है झल्लन, अपने आप पर और अपनी सरकार पर भरोसा रख, धीरे-धीरे सब संभल जाएगा और आज जो बिगड़ा हुआ मंजर दिखाई दे रहा है वह भी बदल जाएगा।’ वह बोला, ‘आप किस भरोसे की बात कर रहे हैं, भरोसा ही तो टूट रहा है, भरोसे का रस्सा ही तो हमारे हाथ से छूट रहा है। भीतर जितना भरोसा जगाते हैं उतना ही लड़खड़ा जाते हैं, चारों तरफ से ऐसी बुरी-बुरी खबरें  मिल रही हैं कि सुनकर हमारे दिल-दिमाग गड़बड़ा जाते हैं। रही सरकार की बात, तो पता नहीं आपको सरकार कहां दिखाई दे रही है। हमें तो लगता है सरकार काम से लगातार छुट्टी ले रही है। अब देखिए, कोरोना के केस किस रफ्तार से बढ़ रहे हैं और सरकार की हर कोशिश के गाल पर तमाचे जड़ रहे हैं।

सरकार के सारे प्रयास थककर हांफ रहे हैं, अस्पताल जैसे डर से कांप रहे हैं। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि चपेट में आयें तो राहत कैसे पायें, कहां जायें, घर पर रहकर मरें या अस्पताल जाकर मर जायें।’ हमने कहा, ‘देख झल्लन, तू सिक्के का एक ही पहलू बता रहा है, जो कोरोना को रोकने में जुटे हैं उनको संज्ञान में नहीं ला रहा है। हमारी सलाह है कि तुझे ऐसे निराशावादी नकारात्मक सोच से बचना चाहिए और इस कोरोना काल में कोरोना वॉरियर बनना चाहिए।’ झल्लन बोला, ‘देखिए ददाजू, कोशिश तो हम भी बहुत किये थे कि कोरोना वॉरियर बन जायें और कोरोना के आगे छाती ठोककर तन जाएं। पर हम जहां भी जा रहे हैं, जो भी देख पा रहे हैं, हर जगह हालात बुरे ही पा रहे हैं। समझ नहीं पा रहे हैं कि कोरोना हमें उखाड़ रहा है या हमारे सारे सिस्टम को उजाड़ रहा है।’
झल्लन ने हमारी दुखती रग पर हाथ रख दिया था, हमारी कुंद होती चेतना को झकझोर दिया था। सिस्टम का नाम सुनते ही हमारा दिमाग झनझना जाता था, विचारों का कुहासा घना जाता था। काश, हमारे पास सचमुच कोई सिस्टम होता, जिसमें सिस्टम जैसा कुछ तो होता। हमने कहा, ‘देख झल्लन, जो चीज पहले से ही बनी-बसी हो वह उजड़ती है और जो चीज पहले से ही उजड़ी-उखड़ी हो वह न उखड़ती है न उजड़ती है।’ झल्लन बोला, ‘सब ऊपर से निकल गया, आपका यह कथन समझ की पकड़ से फिसल गया।’ हमने कहा, ‘तू कहता है कि कोरोना सिस्टम को उजाड़ देगा। हम कहते हैं कि जो सिस्टम पहले से ही उजड़ा हुआ है उसको कोरोना कैसे उजाड़ेगा, कैसे उखाड़ेगा? सच बात तो यह है कि हम एक सिस्टमरहित सिस्टम में जी रहे हैं इसीलिए आज इन बुरे दिनों का घूंट पी रहे हैं। अब तू देख ले, क्या तुझे कहीं कोई सिस्टम नजर आता है। अगर नजर आता है तो सिस्टम के न होने का नजारा हर जगह नजर आता है।’
झल्लन बोला, ‘तो आप कहना चाहते हैं कि हमारे पास कोई सिस्टम नहीं है इसलिए कोरोना पसर रहा है और इसीलिए हमारे ऊपर कहर बरपा कर रहा है।’ हमने कहा, ‘कहने को तो सिस्टम है, लेकिन यह सिस्टम बहुत ही सड़ा-गला, खोखला, लचर और नाकारा है और इस सिस्टम के इसी चरित्र ने हमें जगह-जगह मारा है। जो वाकई सिस्टम होता है वह किसी भी आपदा की स्थिति में कमर कस लेता है, अपनी ढिलाई-कमताई को परे खिसका देता है, अपने भेद-मतभेद सब मिटा देता है और आपदा से निपटने का बीड़ा उठा लेता है, लेकिन देख यहां हमारे भ्रष्ट और चरित्रहीन सिस्टम में सब आपदा का दोहन करने में जुट गये हैं, कोरोना से निपटने के बजाय एक-दूसरे से निपटने में जुट गये हैं। न राजनेताओं ने अपना चोला बदला, न अस्पतालों ने अपना ढंग-ढर्रा बदला और न पुलिस ने अपना चरित्र बदला, न मूर्ख जनता ने अपना चरित्र बदला। उधर कोरोना चल रहा है और इधर इन सबकी नंगई का खुला नाच चल रहा है और यही हमारा असली सिस्टम है जो हमें अपना असली चरित्र दिखा रहा है और हमें डरावने विनाश की ओर ले जा रहा है।’
झल्लन बोला, ‘ददाजू, आप राहत बंधा रहे हैं या डरा रहे हैं।’ हमने कहा, ‘जो असलियत है वही बता रहे हैं, देख लेना आगे बहुत बुरे दिन आ रहे हैं।’

विभांशु दिव्याल


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment