विशेष संपादकीय : मोदी के विजडम का दुनिया ने देखा दम

Last Updated 03 Apr 2020 01:30:14 AM IST

अक्सर हम संसाधनों की कमी और सही माहौल न होने का रोना रोते रहते हैं लेकिन ये सब कुछ बेमानी हो जाता है जब विपरीत परिस्थितियों में भी एक व्यक्ति की उपस्थिति मात्र से ही पूरी तस्वीर बदल जाती है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री मोदी कई बार ऐसा ही करिश्मा कर गुजरते हैं। उनकी मौजूदगी और दी हुई स्थितियों में उनके द्वारा की गई पहल न सिर्फ  एक सकारात्मक माहौल का अहसास करा देती है बल्कि जमीन पर उसका असर भी दिखने लगता है।

अपने खुद के विजडम, तत्काल निर्णय लेने और उसके क्रियान्वयन की क्षमता से वह एक ऐसी बड़ी लकीर खीचनें में सफल हो जाते हैं जिसकी पूरी दुनिया मुरीद हो जाती है। आज सोशल मीडिया में दुनिया के सबसे प्रभावशाली देश- अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान, फ्रांस, कनाडा, इटली, रूस, चीन और यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों के मुकाबले उन्हीं के देशों में प्रधानमंत्री मोदी को बेहतरीन नेता माना जा रहा है। कई देशों में मौजूद मैं खुद अपने मित्रों और शुभचिंतकों से बातचीत के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि कोरोना वायरस के अटैक के बाद जब पूरी दुनिया टेलीविजन के समाचारों को देखने में मशगूल थी तब प्रधानमंत्री मोदी कोरोना को हराने का मंत्र ढूढ़ रहे थे। अपनी दूरदर्शिता के चलते कोरोना को निष्प्रभावी बनाने के लिए ‘जनता कर्फ्यू’ का फार्मूला देकर 72 घंटे में ही देश की 130 करोड़ जनता का भरोसा जीता और फिर कोरोना को हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही एक मात्र विकल्प मानते हुए सम्पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। लोगों को भी मामले की गंभीरता का एहसास हुआ लिहाजा पूरी ईमानदारी से जनता इसका पालन भी कर रही है। कोरोना की इस लड़ाई में मोदी की अपनाई गई इस रणनीति की आज पूरी दुनिया कायल है। भारत की आबादी और संसाधनों को देखते हुए समूचा विश्व मान रहा है कि इससे अच्छी कोई रणनीति हो ही नहीं सकती थी। 

सोशल मीडिया के ढेरों समूहों और इंटरनेट फोरमों पर मेरी नजर रहती है। इन दिनों हर जगह चर्चा का एकमात्र विषय कोरोना है। कोरोना वायरस से बचने के उपायों, सावधानियों के बाद सबसे ज्यादा चर्चा भारत की हो रही है। आम विदेशियों को भी कोरोना से लड़ने का भारतीय तरीका खासा प्रभावित करता नजर आ रहा है। सबसे ज्यादा भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के त्वरित फैसलों की तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया में ऐसे विचारों की भरमार है जिसमें आम विदेशी भी मान रहा है कि जब उनकी सरकारें कोरोना के खतरे को नजरंदाज कर रही थीं तब भारत ने इस खतरे भांपकर कोरोना को हराने का अभियान छेड़ दिया। भारत के त्वरित फैसलों की तारीफ सबसे ज्यादा अमेरिकी कर रहे हैं। अमेरिकियों में भारत के लोगों का संजीदा व्यवहार भी काफी सराहा जा रहा है। जहां रातोंरात अमेरिका के सारे बड़े स्टोर खाली हो गए वहां भारत के लोंगों ने बिल्कुल जामाखोरी नहीं की और करीब 10 दिन बाद भी खाने पीने से लेकर दैनिक उपभोग की लगभग सारी चीजें बिना कठिनाई के उपलब्ध हैं। अमेरिकियों में तो बन्दूक खरीदने की भी होड़ लग गई थी।

यूरोपीय समुदाय के लोगों, खासकर इटली वालों में सबसे ज्यादा लॉकडाउन के दौरान पुलिस बंदोबस्त और बरती जा रही सख्ती पसंद की जा रही है। लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए लाठियां भांजती पुलिस की प्रशंसा में सोशल मीडिया में सैकड़ों कमेंट्स देखे जा सकते हैं। ये ज्यादातर कमेंट इटली या यूरोपीय लोगों के हैं क्योंकि वे कोरोना की सबसे बड़ी त्रासदी अपने आंखों के सामने देख रहे हैं।

सोशल डिस्टेंसिंग का खांटी भारतीय तरीका कई अमेरिकन और यूरोपीय लोगों को खूब पसंद आया जब निर्धारित 5 फीट की दूरी बनाए रखते हुए खड़िया से बनाए सर्किल में खड़े होकर सामान खरीदते भारतीयों की तस्वीर आई। अमेरिका और यूरोप वालों के लिए ऐसा देशी आविष्कार कल्पनातीत है। इसी तरह मोदी सरकार का भारत के रेलवे कोचों को आईसीयू अस्पताल में बदल देने की पहल भी खूब सराही गई। रेल के करीब 20000 डिब्बों में 1 लाख से ज्यादा लोगों के लिए चलता-फिरता अस्पताल बनाने का विचार पूरी दुनिया को एक अनूठा विचार लगा जिसकी खूब तारीफ हो रही है।

तमाम कार कंपनियों द्वारा सस्ते वेंटीलेटर बनाने की पहल की भी खूब चर्चाएं हैं। इसी तरह काफी कम कीमत पर कोरोना का टेस्ट किट तैयार करने को भी खूब सराहा जा रहा है। दुनिया को उम्मीद नहीं थी कि भारत ऐसे समय में समूचे विश्व को एक रास्ता दिखा सकता है। सबसे बड़ी बात कोरोना को हराने के भारतीय अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व आज दुनिया भर में एक बार फिर मजबूती से स्थापित हुआ है। खासतौर पर तब जबकि इस विश्व महामारी से पैदा हुए संकट के दौर में चीन की छवि एक धोखेबाज राष्ट्र की तरह सामने आई हो, समूचे यूरोप को लोग घुटने के बल रेंगते हुए देख रहे हों और अमेरिका की स्थिति एक हेडलेस चिकन की तरह हो गई हो। ऐसे में भारत और प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को एक नया रास्ता दिखाकर ये साबित कर दिया है कि सिर्फ  भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मोदी का विजडम लंबे समय तक कायम रहने वाला है। बहुत लम्बे समय से दुनिया में एक विश्व नेता की जगह खाली पड़ी है, शायद रिक्तता पूर्ति का अब वक्त आ चुका है और जाहिर है मोदी की छवि उन्हें इसकी पहली कतार में खड़ा करती है क्योंकि दुनिया मोदी का विजडम और उसका दम दोनों देख रही है।

उपेन्द्र राय
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एडिटर इन चीफ, सहारा न्यूज नेटवर्क


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