क्रिकेट : धाक ने उम्मीद बढ़ाई

Last Updated 21 Jan 2019 12:18:44 AM IST

टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहली बार टेस्ट और फिर वनडे सीरीज जीती है। इस तरह उसने विश्व की नंबर एक टीम का दावा और मजबूत किया। वहीं वनडे सीरीज जीतकर दिखाया कि वह कुछ माह बाद इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप के लिए तैयार है।




क्रिकेट : धाक ने उम्मीद बढ़ाई

 हालांकि इस तैयारी को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता है। फिर भी ऑस्ट्रेलिया को मांद में मात देने से मनोबल तो ऊंचा हुआ है, जो कि आगे काम आने वाला है। भारतीय कप्तान विराट कोहली के लिए यह पूरा दौरा इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि यह पहली भारतीय टीम है, जो ऑस्ट्रेलिया दौरे से अजेय रहकर लौटी है। टीम इंडिया ने टी-20 सीरीज 1-1 से ड्रा खेलकर  दौरे की शुरुआत की और फिर टेस्ट और वनडे सीरीज को 2-1 के अंतर से जीता।
वनडे सीरीज शुरू होने पर एक समय लगा था कि टीम अभी विश्व कप के लिए तैयार नहीं है। सीरीज शुरू होने से पहले ही उसे हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल को घर लौटाए जाने के रूप में तगड़ा झटका लगा। टीम अभी इस झटके से उबर भी नहीं पाई थी कि पहले वनडे में टीम को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन विराट सेना ने जिस जोरदार ढंग से सीरीज में वापसी की, उसने तमाम शंकाओं को दूर कर दिया है। पर कुछ सवाल अभी भी बाकी हैं, जिनका जवाब देने की जरूरत है। सवाल यह है कि क्या रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी ही विश्व कप में ओपनिंग करेगी, या इस पोजिशन पर लोकेश राहुल को भी आजमाया जाएगा। वहीं पांचवें नंबर पर केदार जाधव खेलेंगे या उनकी जगह हार्दिक पांड्या लेंगे। पर इन सवालों का जवाब 23 जनवरी से शुरू होने वाली न्यूजीलैंड के साथ वनडे सीरीज के बाद और हार्दिक-लोकेश राहुल पर होने वाली कार्रवाई के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा।

टीम में पिछले कुछ समय से चौथे नंबर पर शानदार प्रदर्शन कर रहे अंबाति रायुडू ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले दो वनडे मैचों में सिर्फ 24 रन ही बनाने से उनकी स्थिति कमजोर हुई है। पर लगता है कि टीम प्रबंधन न्यूजीलैंड दौरे पर उन्हें खिलाकर उनकी फॉर्म को देखना चाहेगा। हां, यदि वह न्यूजीलैंड दौरे पर भी असफल रहते हैं तो ऋषभ पंत के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। वहीं केदार जाधव ने मेलबर्न वनडे मैच जिताकर भारत का सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन एक मैच के प्रदर्शन से उन्हें टीम में पक्का शायद ही किया जाए, इसके लिए न्यूजीलैंड दौरे पर भी उन्हें मौका देने की जरूरत है। पर अब सवाल यह है कि हार्दिक पांड्या की यदि वापसी हो जाती है तो क्या केदार जाधव की जगह टीम में पक्की हो सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि हार्दिक टीम के लिए अपने विस्फोटक अंदाज की वजह से ज्यादा कारगर साबित हो सकते हैं। लेकिन वह अपनी करतूत की वजह से अधर में लटके हुए हैं। उन्होंने करण जौहर के कार्यक्रम कॉफी विद करण में महिलाओं के खिलाफ अनुचित टिप्पणी करके अपने को फंसा ला लिया है। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने प्रशासकों की समिति को लिखकर कहा है कि जब तक इन दोनों क्रिकेटरों पर कोई कार्रवाई करने का फैसला नहीं हो जाता है, इनको खेलने की छूट दे दी जाए।
विराट और टीम प्रबंधन के लिए एक समस्या का समाधान हो गया है। इस सीरीज से पहले तक ऋषभ पंत जैसे युवा को छोड़कर धोनी को विश्व कप में खेलाने के संकेत देने की आलोचना होती रही थी। इसकी वजह धोनी की बल्लेबाजी में पहली वाली रंगत का नहीं दिखना था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में धोनी ने पहले वनडे में इतना धीमा अर्धशतक लगाया कि टीम लक्ष्य पाने की दौड़ में पिछड़ गई तो उनकी आलोचना और बढ़ गई। लेकिन उन्होंने जिस तरह से अगले दो मैचों में फिनिशर की सफल भूमिका निभाई उससे माहौल बदल गया और क्रिकेट विशेषज्ञों में एक बार फिर उनमें विजेता खिलाड़ी दिखने लगा है। धोनी का विश्व कप में खेलना पहले भी तय था और अब भी है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब वह हीरो के तौर पर खेलने जाएंगे। इस सीरीज में यजुवेंद्र चहल का भी जलवा देखने को मिला। चहल को पहले दो मौके पर नहीं खेलाया गया पर तीसरे में मौका मिलते ही वह यह साबित करने में सफल हो गए कि वह ही नंबर एक स्पिनर हैं। उन्होंने 42 रन पर छह विकेट लेकर भारत की जीत की कहानी ही नहीं लिखी, बल्कि ऑस्ट्रेलिया में सबसे अच्छा वनडे प्रदर्शन करने वाले स्पिनर भी बन गए हैं। लगता है कि कुलदीप-यजुवेंद्र विश्व कप के लिए पहली पसंद की स्पिन जोड़ी है। टीम का पेस अटैक पहले से सर्वश्रेष्ठ है। ये हालात विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद बंधाते हैं।

मनोज चतुर्वेदी


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