मीडिया : आंख मार लीला

Last Updated 18 Feb 2018 02:57:02 AM IST

एक लड़की भरी क्लास में एक साथी को सबके आगे आंख मारती है, जिस लड़के को आंख मारती है वह तुरंत ‘घायल’ होकर खुश होता दिखता है.


मीडिया : आंख मार लीला

यही लड़की चलती बस में उसी लड़के को खुलेआम दाएं हाथ की दो उंगलियों की पिस्तौल बनाकर आंख मारते हुए एक फ्लाइंग किस मारती है कि लड़का फिर शरमा कर अपने दोस्त के कंधे पर गिर जाता है, जिसे देख लड़की और भी मस्त हो जाती है. तीस सेकेंड के यह सीन नई मलयाली फिल्म ‘ओरु आदार लव’ का ‘टीजर वीडियो’ (प्रोमो) है, जो पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. और मुख्यधारा के मीडिया ने उसे हाथों-हाथ लिया.
चौबीस घंटे में इस वीडियो की नायिका प्रिया प्रकाश वरियर सोशल मीडिया की क्रेज बन गई. अपनी बोल्ड सेक्सी छवि से सनी लियोनी को और पॉपूलरिटी चार्ट में दीपिका पादुकोन तक को पीछे छोड़ दिया. ऐसे प्रेम सीनों का न जाने कब अंत हो गया जिनमें नायिका नायक से चार फुट दूर खड़ी होकर प्रेम का इजहार करती थी, और ‘किसिंग’ के सीन की जगह दो फूल या दो चिड़ियाएं किसिंग किया करती थीं. ‘एक था गुल और एक थी बुलबुल’ वाले शालीन सीन न जाने कब गायब हो गए. फिर फिल्मों के प्रोमोज में कुछ एक्शन सीन और कुछ लिपटने-चिपटने के सीन दिखाए जाने लगे. उनके जरिए कुछ नई तरह की हिंसा और नई तरह के सेक्सिज्म को बेचा जाने लगा. एक दौर में बिस्तर पर लेटने-लिटाने के सीन भी आम होने लगे थे. सीरियलों में अब भी बेडरूम के सीन आम हैं, लेकिन न चौंकाते हैं, न नये दर्शक बना पाते हैं.

एक जमाना था जब हेलेन कैबरे डांस क्वीन कही जाती थीं. फिर सिल्क स्मिता की बारी आई और वह ‘थंडर थाई’ नाम से हिट हुई. लेकिन आज के ‘पोर्न-प्रिय’ समाज में जब आपके मोबाइल में ही बहुत सा पोर्न हो तब फिल्मों वाले सेंर्सड ‘बेड सीन’ कौन देखे?‘ओरु आदार लव’ की ‘आंख मार लीला’ के सीनों के अचानक हिट होने को हमें इसी संदर्भ में देखना चाहिए. यही नहीं ‘ओरु आदार लव’ की टाइमिंग भी बड़ी सटीक रही. इसलिए भी ‘आंख मार लीला’ इतनी परवान चढ़ी. एक तरफ केरल जैसे राज्य पर हिन्दुत्ववादियों का आरोप कि वह ‘लव जिहाद’ का इलाका है, दूसरी तरफ वेलेंटाइन दिवस का आना और  वेलेंटाइन के दुश्मनों का प्रेमी जोड़ों के खिलाफ लाठी भांजते दिखना आदि, वह पृष्ठभूमि बन गई जिसमें ‘आंख मार लीला’ अपनी दुर्दमनीयता के कारण अपनी जगह बना गई. जिस दिन प्रेम के दुश्मन लाठी भांज रहे थे, उसी दिन एक बोल्ड लड़की सोशल मीडिया और मुख्यधारा के मीडिया सामने थी, जो वेलेंटाइन के दिन अपने वेलेंटाइन को आंख मारती थी, प्रेम निमंतण्रदेती थी, और उसका कोई कुछ नहीं कर सकता था.
इसका एक और संदर्भ है : इसी केरल के एक कॉलेज में एक लड़की कुछ दिन पहले एक लड़के का खुलेआम आलिंगन कर चुकी थी, जिसके कारण उसे कॉलेज से निकाल दिया गया था, और बड़े विरोध के बाद उसे वापस लिया गया. ‘ओरु आदार लव’ के इन आंख मार सीनों में उस किशोर किशोरी के आलिंगन के लिए दी गई सजा का प्रतिकार था. शायद इसलिए भी ये सीन हिट हुए. इस मानी में हम इस ‘टीजर’ को उन तत्वों के लिए एक प्रकार का ‘पॉलिटिकल टीजर’ भी मान सकते हैं, जो युवक-युवतियों के आलिंगन तक पर पाबंदी लगाते हैं. इस टीजर का हिट होना यह भी बताता है कि हमारे किशोर-किशोरियों के आपसी संबंध अब कहीं अधिक खुले, अधिक बेधड़क और ‘इन थिंग’ की तरह यानी ‘ठीक है’ या ‘चलता है’ या ‘नॉर्मल है’ की तरह लिए जाने लगे हैं.
टीजर के बाद मीडिया को प्रिया प्रकाश वरियर ने यह भी बताया कि उसके निदेशक ने कहा था कि प्रोमो के लिए कुछ नया करो तो मैंने आंख मारने के सीन किए. मुझे अच्छे लगे और मेरे माता-पिता को भी पसंद आए. इस टीजर ने इस हीरोइन को भी कुछ नया बना दिया. प्रोमो की एक सटीक पोजीशनिंग और उसकी सफलता ऐसा ही जादू पैदा करती है कि वह जरा-सी आलोचना तक को बेकार कर देती है.
ऐसा नहीं हैं कि ‘आंख मार लीला’ यही दिखाती है. वह ‘कंडोम’ के एक विज्ञापन में भी दिखती है, जो खबर चैनलों पर आता रहता है. उसकी नायिका अपने नायक से लिपटते हुए दर्शकों को आंख मारती है. लेकिन यह हिट नहीं हुआ जबकि ‘ओरु आदार लव’ की आंख मार लीला हिट हुई. कारण यही कि यह कंडोम का विज्ञापन है, जबकि प्रिया प्रकाश का वीडियो समकालीन प्रेम विरोधी दौर को संबोधित करता है. लेकिन एक सवाल फिर भी रह जाता है कि लड़की आंख मारे तो ‘एंपावरमेंट’ है और अगर लड़का मारे तो ‘मिसोजिनिस्टक’ है और दंडनीय है! ऐसा क्यों?

सुधीश पचौरी


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