मूडीज : रेटिंग के मायने

Last Updated 24 Nov 2017 03:40:41 AM IST

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग में सुधार पर सरकार का अपनी पीठ थपथपाना बिल्कुल स्वाभाविक है.


मूडीज : रेटिंग के मायने

आखिर 13 वर्ष बाद मूडीज ने भारत की रेटिंग में सुधार किया है. वर्तमान अर्थव्यवस्था की शब्दावली में कहें तो एजेंसी ने आउटलुक को स्थिर मानते हुए भारत की रेटिंग बीएए3 से बीएए2 कर दिया है. इसमें सरकार का पक्ष मजबूत होने की बात यह है कि विपक्ष नोटबंदी और जीएसटी के जिन मुद्दों को जन विरोधी और अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुंचाने वाला कदम बताकर प्रचार कर रहा है मूडीज ने उन सबकी तारीफ की है.
इससे सरकार की बांछें खिलना स्वाभाविक था. आनन-फानन में वित्त मंत्री अरुण जटली ने पत्रकार वार्ता में यह कहा कि आर्थिक सुधारों को लेकर जिन लोगों को संदेह है, उन्हें अब गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए. रेटिंग में सुधार बीते तीन साल में हुए आर्थिक सुधारों का नतीजा है. इससे साबित होता है कि सरकार का निर्णय सही दिशा में हैं, जिनका वैश्विक संस्थाओं ने भी सकारात्मक संज्ञान लिया है. जेटली के बयान पर आप जो भी टिप्पणी करें किंतु मूडीज की रेटिंग पर विपक्ष का प्रश्न उठाना वैसे ही है जैसे चुनाव में पराजय को ईवीएम में हेरफेर बता देना. इस अर्थव्यवस्था में इसकी रेटिंग के महत्त्व को भी पूरी दुनिया मानती है. भारत के लिए निश्चय ही यह उल्लास का विषय है कि कुछ ही समय पहले विश्व बैंक ने इज ऑफ डुइंग बिजनेस यानी व्यवसाय करने के लिए अनुकूल देशों की सूची में भारत के स्तर में एक साथ 30 बिंदू का उछाल देकर इसे 100 वें स्थान पर पहुंचा दिया. आज तक इतना बड़ा उछाल भारत तो क्या विकासशील देशों में किसी को नहीं मिला था. इसके पीछे भी सरकार के सुधारवादी कदमों को स्वीकार किया गया था.

अब मूडीज ने हमारी रेटिंग सुधार दी है. जाहिर है, आगे ‘फिच’ और एस एंड पी यानी ‘स्टैंर्डड एंड पुअर्स’ जैसी एजेंसियां भी भारत की रेटिंग में सुधार करेंगी. ध्यान रखिए इससे पहले उसने साल 2004 में भारत की रेटिंग बढ़ाकर बीएए3 की थी. बीएए3 निवेश के नजरिए से सबसे निचले दरजे की रेटिंग है, जो टीएडी स्टेटस से महज एक पायदान ऊपर होती है. इसका अर्थ होता है कि वहां निवेश की संभावनाएं सबसे कम है. लेकिन आर्थिक विकास की उम्मीदें सकारात्मक रहतीं हैं. लेकिन संप्रग सरकार आने के साथ उसने रेटिंग गिरा दिया था. वैसे साल 2015 में ही भारत की आउटलुक सकरात्मक से स्टेबल यानी स्थिर कर दिया गया था. मूडीज ने भारत के बारे में क्या कहा है, रेटिंग बेहतर करने के क्या कारण बताए हैं और कैसी भविष्यवाणी की है, इन सब को देखने के पहले जरा इस संस्था के बारे में ही जान लें. यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि हमारे देश में कुछ लोग इस संस्था पर ही प्रश्न उठा रहे हैं. मूडीज कॉर्पोरेशन, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की पेरेंट कंपनी है, जो क्रेडिट रेटिंग और रिसर्च का काम करती है. वस्तुत: मूडीज वैश्विक पूंजी बाजार का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है.
यह वित्तीय बाजारों को को क्रेडिट रेटिंग, रिसर्च टूल्स और एनालिसिस देता है. हालांकि मूडीज की सोच और उसकी भविष्यवाणियों पर अनेक प्रश्न उठाए जा सकते हैं, किंतु आज का सच यही है कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक ढांचे में दुनिया भर के बाजारों में मूडीज की अपनी प्रतिष्ठा है. इसलिए दुनिया के लिए भारत की इस रेटिंग का महत्त्व स्पष्ट है. मूडीज ने इसका आधार देते हुए कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे सुधार राज्यों के बीच व्यापार की बाधा को हटाकर उत्पादकता बढ़ाएंगे. साथ ही, मौद्रिक नीति ढांचे में सुधार, बैंकों के अटके पड़े लोन यानी एनपीए की समस्या से निपटने के लिए उठाए गए कदम, बैकों को अतिरिक्त पूंजी देने, नोटबंदी, बायोमीट्रिक व्यवस्था के लिए आधार का विस्तार एवं डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के जरिए सब्सिडी की रकम सही व्यक्ति तक पहुंचाने जैसे कदम अर्थव्यवस्था की गड़बड़यिां ठीक करने के लिए की गई हैं. नोटबंदी के बारे में मूडीज ने कहा है कि इससे बैंकों के पास तरलता बढ़ेगी. कर्ज के लिए ज्यादा पैसा उपलब्ध होने से आर्थिक तेजी आएगी. मूडीज के बयान में कहा गया है कि इनमें से ज्यादातर कदमों का असर दिखने में वक्त लगेगा और जीएसटी और नोटबंदी जैसे कुछ कदमों ने निकट भविष्य में विकास पर दबाव भी डाला है. किंतु इसके नतीजे बेहतर आएंगे. इसने उम्मीद जताई है कि सरकार सुधार को लेकर बड़े फैसले लेगी.
इसने सबसे बड़ी बात यह कही है कि भारत के सुधार कार्यक्रमों की खासियत ये है कि उनमें झटका सहने की ताकत है. ये बताती है कि देश में विकास की और दुनिया के सामने खड़े होने की ताकत कितनी मजबूत है. उसने कहा है कि मार्च 2018 में खत्म हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.7 प्रतिशत की दर से बढेगी और तात्कालिक बाधाओं के खत्म होने और जीएसटी में लघु एवं मध्यम उद्योगों एवं निर्यातकों को राहत बढ़ाने से अगले वित्त वर्ष में वास्तविक विकास दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. वित्त वर्ष 2019 से भारत की विकास दर और तेजी से बढ़ेगी. मूडीज ने साफ कहा है कि दूरगामी दृष्टि में भारत की विकास की संभावना बीएएए रेटिंग वाले ज्यादातर देशों से बहुत ज्यादा है. वर्तमान आर्थिक ढांचे में किसी देश की अर्थव्यवस्था के बेहतर और सही दिशा में होने का इससे बेहतर प्रमाण पत्र और क्या चाहिए. हालांकि एजेंसी ने भारत को सावधान भी किया है कि कर्ज का बड़ा बोझ अब भी देश की क्रेडिट प्रोफाइल का अवरोधक है.
मूडीज का मानना है कि सुधारों की वजह से कर्ज में तेज वृद्धि का जोखिम होगा. यह सच भी है. लेकिन इस एक टिप्पणी से भारत के बारे में दुनिया की धारणा नकारात्मक नहीं हो सकती. देश की अर्थव्यवस्था की साख दुनिया की नजर में इससे बढ़ गई है. वास्तव में बीएए 2 रेटिंग का मतलब है कि यहां निवेश की संभावनाएं अधिक होने के साथ अर्थव्यवस्था स्थिर है यानी उसमें स्थायित्व है. हालांकि हम यह नहीं मानते कि भारत की अर्थव्यवस्था में सबकुछ ठीक-ठाक है. मूडीज का अपना नजरिया है, जिसके तहत वह देशों की अर्थव्यवस्थाओं का मूल्यांकन करती है, जो वर्तमान ढांचे में मान्य है, लेकिन उसका नजरिया बिल्कुल सही है यह मानने में थोड़ा हर्ज है. किंतु यह अलग से विचार का विषय है. तत्काल तो भारत की रेटिंग सुधरी है इसलिए इस पर प्रसन्न हुआ जा सकता है.

अवधेश कुमार


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment