एमबीबीएस के बाद प्रैक्टिस के लिए एक्जिट परीक्षा पास करना जरूरी

Last Updated 18 Jul 2019 06:04:56 AM IST

केंन्द्रीय कैबिनेट ने मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए एमबीबीएस के बाद एक्जिट परीक्षा अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।


एमबीबीएस के बाद प्रैक्टिस के लिए एक्जिट परीक्षा पास करना जरूरी

देशभर में एक ही प्रवेश परीक्षा -नीट- आयोजित की जाएगी। कैबिनेट ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 की जगह लेना और चिकित्सकीय शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक के बाद प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि  विधेयक को संसद के वर्तमान सत्र में पेश किया जाएगा। इसे दिसंबर 2017 में संसद में पेश किया गया था, लेकिन यह 16वीं लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी हो गया था। उन्होंने बताया कि एनएमसी विधेयक में परास्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश और मरीजों के इलाज हेतु लाइसेंस हासिल करने के लिए एक संयुक्त अंतिम वर्ष एमबीबीएस परीक्षा (नेशनल एक्जिट टेस्ट ‘नेक्स्ट’) का प्रस्ताव दिया गया है। यह परीक्षा विदेशी मेडिकल स्नातकों के लिए स्क्रींिनग टेस्ट का भी काम करेगी। राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के अलावा संयुक्त काउंसिलिंग और ‘नेक्स्ट’ भी देश में मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में समान मानक स्थापित करने के लिए एम्स जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों पर लागू होंगे।

एक सूत्र ने बताया, नए एनएमसी विधेयक में किए संशोधन के अनुसार पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश ‘नेक्स्ट’ परीक्षा के परिणामों के आधार पर होगा, जिसे देशभर में संयुक्त परीक्षा के तौर पर आयोजित किया जाएगा। इसलिए उम्मीदवारों को पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एमबीबीएस अंतिम वर्ष पास करने के बाद अलग-अलग परीक्षाओं में नहीं बैठना पड़ेगा। विधेयक में चिकित्सकीय शिक्षा, पेशे और संस्थानों के सभी पहलुओं के विकास और नियमन के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन की व्यवस्था की गई है।  इसमें समिति को सलाह और सिफारिशें देने के लिए चिकित्सकीय सलाहकार परिषद के गठन की भी व्यवस्था की गई है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment