भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से भारत में कोई बड़ी आर्थिक बाधा उत्पन्न नहीं होगी। हालांकि, यह पाकिस्तान के लिए झटका होगा क्योंकि इससे उसका विदेशी मुद्रा भंडार दबाव में आ सकता है और उसकी वृद्धि दर प्रभावित हो सकती है।

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रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने ‘भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से पाकिस्तान की वृद्धि पर असर’ शीर्षक से सोमवार को रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि उसे भारत की आर्थिक गतिविधियों में कोई बड़ा व्यवधान उत्पन्न होने के आसार नहीं दिखते क्योंकि पाकिस्तान के साथ उसके आर्थिक संबंध बहुत मामूली हैं। वर्ष 2024 में भारत के कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 0.5 प्रतिशत से भी कम रही थी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों के पर्यटकों पर किए हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। भारत ने पहलगाम में हुए नरसंहार के पीछे तीन पाकिस्तानी नागरिकों सहित पांच आतंकवादियों की पहचान की है और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प किया है। इससे दोनों देशों के बीच एकबार फिर तनाव बढ़ गया है।
मूडीज ने कहा, ‘‘भारत के साथ तनाव निरंतर बढ़ने से पाकिस्तान की वृद्धि पर असर पड़ेगा और सरकार के मौजूदा राजकोषीय समेकन में बाधा आएगी, जिससे पाकिस्तान की व्यापक आर्थिक स्थिरता हासिल करने की प्रगति बाधित होगी।’’
इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि पाकिस्तान की वृहद आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, वृद्धि दर धीरे-धीरे बढ़ रही है, मुद्रास्फीति घट रही है और आईएमएफ कार्यक्रम में निरंतर प्रगति के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि हो रही है।
मूडीज ने कहा, ‘‘तनाव लगातार बढ़ने से पाकिस्तान की बाह्य वित्तपोषण तक पहुंच बाधित हो सकती है तथा उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ सकता है जो अगले कुछ वर्षों के लिए उसके बाह्य ऋण भुगतान की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक स्तर से काफी कम है।’’
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कार्यकारी बोर्ड नौ मई को पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलने वाला है, जिसमें जलवायु परिवर्तन ऋण कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान के लिए 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की नई वित्तपोषण व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाएगा। यह मौजूदा सात अरब अमेरिकी डॉलर के ‘राहत’ पैकेज का भी मूल्यांकन करेगा।
सूत्रों ने बताया कि भारत आईएमएफ सहित वैश्विक बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए गए धन व ऋण की फिर से जांच करने के लिए कहेगा।
मूडीज ने कहा कि भारत में वृहद आर्थिक स्थितियां स्थिर रहेंगी, जो मजबूत सार्वजनिक निवेश तथा स्वस्थ निजी खपत के बीच धीमी लेकिन अब भी उच्चस्तर की वृद्धि से मजबूत होंगी।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘स्थानीय तनाव में निरंतर वृद्धि के परिदृश्य में, हम भारत की आर्थिक गतिविधियों में बड़े व्यवधान के आसार नहीं देखते हैं, क्योंकि पाकिस्तान के साथ भारत के आर्थिक संबंध बहुत मामूली हैं। हालांकि, उच्च रक्षा खर्च संभावित रूप से भारत की राजकोषीय ताकत पर भार डालेगा और इसके राजकोषीय समेकन को धीमा कर देगा।’’
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