बीते सप्ताह सरसों तेल, सोयाबीन तिलहन को छोड़कर अन्य तेल-तिलहन में गिरावट
देश में मूंगफली, सोयाबीन की बिजाई का समय निकट आने के साथ सहकारी संस्था नेफेड द्वारा इन दोनों फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम हाजिर दाम पर की जा रही बिकवाली के बीच बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजार में सरसों तेल और सोयाबीन तिलहन को छोड़कर बाकी सभी तेल-तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।
![]() बीते सप्ताह सरसों तेल, सोयाबीन तिलहन को छोड़कर अन्य तेल-तिलहन में गिरावट |
बाजार सूत्रों ने कहा कि जिस कच्चे पामतेल (सीपीओ) का दाम पहले 1,110-1,115 डॉलर प्रति टन था, बीते सप्ताह वह घटकर 1,055-1,160 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी प्रकार, सोयाबीन डीगम का जो दाम पहले 1,115-1,120 डॉलर प्रति टन था वह बीते सप्ताह घटकर 1,090-1,095 डॉलर प्रति टन रह गया।
गत सप्ताह सरकार ने सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में 248 रुपये क्विंटल तथा पामोलीन के आयात शुल्क मूल्य में 198 रुपये क्विंटल की कटौती की है। दूसरी ओर सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य 12 रुपये क्विंटल बढ़ाया है।
सूत्रों ने कहा कि सामान्य कामकाज के बीच सरसों तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे, जबकि किसानों द्वारा कमजोर दाम पर बिकवाली से बचने की कोशिश में आवक कम लाने और बड़ी तेल मिलों के पास स्टॉक की कमी होने के बीच सरसों तेल कीमतों में सुधार आया।
उन्होंने कहा कि किसान नीचे दाम पर बिकवाली से बचने के लिए मंडियों में आवक कम ला रहे हैं जिसकी वजह से बीते सप्ताह सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार देखने को मिला। वहीं विदेशों में खाद्य तेलों के दाम में आई गिरावट के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में कमी आई।
सूत्रों ने कहा कि पामोलीन तेल का दाम टूटने से मूंगफली की मांग प्रभावित हुई है। इस बीच, सरकारी बिक्री जारी रहने और जून-जुलाई में अगली मूंगफली बिजाई से पहले मूंगफली तेल-तिलहन के दाम टूटते दिखे और गत सप्ताहांत के मुकाबले गिरावट दर्शाते बंद हुए।
उन्होंने कहा कि आयात शुल्क मूल्य घटाये जाने और विदेशों में दाम टूटने के कारण बीते सप्ताह सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम भी गिरावट दर्शाते बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि कम उपलब्धता रहने तथा पामोलीन तेल के दाम में आई गिरावट के बाद मांग कमजोर होने से समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल कीमत में भी कमजोरी का रुख देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि प्रमुख तेल उद्योग संगठन ‘सोपा’ ने भी सरकार से सोयाबीन की आगामी बिजाई से पहले सोयाबीन की सरकारी बिक्री रोकने का अनुरोध किया था। लेकिन बिक्री अभी रोकी नहीं गयी है जिससे सोयाबीन की आगामी बुवाई पर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है। यही हाल मूंगफली बिजाई के मामले में भी हो सकता है।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 6,275-6,375 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बंद हुआ। जबकि, सरसों दादरी तेल का थोक भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 13,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 10-10 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,360-2,460 रुपये और 2,360-2,485 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में एक ओर जहां सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 25-25 रुपये सुधार के साथ क्रमश: 4,475-4,525 रुपये और 4,175-4,225 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 450 रुपये, 400 रुपये और 350 रुपये घटकर क्रमश: 13,050 रुपये, 12,950 रुपये और 9,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव गिरावट दर्शाते बंद हुए। मूंगफली तिलहन का दाम 100 रुपये की गिरावट के साथ 5,625-6,000 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 250 और 25 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 13,900 रुपये क्विंटल और 2,220-2,520 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
विदेशों में दाम टूटने के बीच, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 650 रुपये की गिरावट के साथ 11,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 550 रुपये की गिरावट के साथ 13,100 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 11,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
गिरावट के आम रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 500 रुपये टूटकर 12,900 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
| Tweet![]() |